पाम ( palm ) शुगर क्या है ? जानिए इसके फायदे

पाम शुगर क्या होती है

पाम शुगर क्या होती है

पाम शुगर को प्राकृतिक स्वीटनर के रूप में जाना जाता है। यह प्राकृतिक स्वीटनर पाम (palm) के फूलों से एकत्रित किये गए रस से बनती है। फूलों के रस को तब तक उबालकर पकाया जाता है, जब तक कि यह चीनी के क्रिस्टल में न बदल जाए। यह अपरिष्कृत (unrefined) चीनी के रूप में  जानी जाती है, क्योंकि यह बहुत कम प्रोसेस्ड होती है और इसमें कोई रसायन नहीं होता है। यह चीनी विभिन्न प्रकार के पाम (palm) के पेड़ों से बनाई जा सकती है, जिसमें  खजूर, ताड़ी (toddy), निपा, नारियल इत्यादि शामिल हैं। यह सफेद चीनी और ब्राउन चीनी की तुलना में कम मीठी होती है।

पाम शुगर में पाए जाने वाले पोषक तत्व

एक चम्मच पाम शुगर में – कैलोरी- 54 , चीनी 15 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट 15 ग्राम होता है। यह पोटेशियम, कॉपर, जिंक, आयरन, फास्फोरस का एक अच्छा स्रोत है।

पाम शुगर के स्वास्थ्य सम्बन्धी लाभ

1. ऊर्जा के स्तर को बढ़ाती है 

पाम शुगर एक बेहतरीन एनर्जी बूस्टर है। शरीर इसे आसानी से एब्सॉर्ब कर लेता है। यह विटामिन और मिनरल्स जैसे विटामिन बी1, बी2, बी3, बी6, बी12, आयरन, पोटेशियम, जिंक, कैल्शियम और अमीनो एसिड से भरपूर होती है। इसमें सुक्रोज, फ्रुक्टोज और ग्लूकोज भी होते हैं। आयरन से भरपूर होने के कारण यह एनीमिया के इलाज में मदद करती है। पाम शुगर में चीनी की संतुलित मात्रा होती है, और यह टेबल शुगर का एक अच्छा विकल्प है। यह बच्चों के लिए भी सुरक्षित है।

2. पाचन में सहायक

यह पाचन को बेहतर बनाने में मदद करती है, क्योंकि इसमें इनुलिन नामक डाइटरी फाइबर होता है। यह आंत में बैक्टीरिया को नियंत्रित करती है और शरीर की मिनरल एब्सॉर्ब करने में मदद करती है। पाचन तंत्र को भोजन पचाने में सहायक एंजाइम उत्पन्न करने में मदद करती है। यह कब्ज से भी राहत दिलाती है। प्रतिदिन पाम शुगर खाने से आंतों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

3. लीवर को डिटॉक्सीफाई करती है

लीवर मानव शरीर का महत्वपूर्ण अंग है जो पाचन में मदद करता है। नियमित रूप से थोड़ी मात्रा में पाम शुगर लेने से शरीर को शुद्ध और डिटॉक्सीफाई किया जा सकता है। यह लीवर को डिटॉक्सीफाई करने में मदद करती है, जिसका अर्थ है शरीर से हानिकारक विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना।

4. इम्युनिटी बढ़ाने के लिए पाम शुगर

यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है और इसके नियमित सेवन से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने के कारण, पाम शुगर का सेवन फ्री रेडिकल्स क्षति को रोकता है। यह एक अद्भुत रक्त शोधक है। यह रक्त में हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में भी मदद करती  है।

5. पाम शुगर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है

पाम शुगर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। वह खाद्य पदार्थ जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है और जो रक्त शर्करा के स्तर को नहीं बढ़ाते है, उन्हें स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है। सफेद चीनी की तुलना में पाम शुगर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, इसलिए यह रक्त शर्करा के स्तर को तुरंत नहीं बढ़ाती है।

अध्ययनों में पाया गया है कि पाम शुगर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 35 है, जबकि टेबल शुगर का 68 और शहद का 55 है। डायबिटीज के मरीज पॉम शुगर का कम मात्रा में सेवन कर सकते हैं।

6. इलेक्ट्रोलाइट संतुलन

पाम शुगर डिहाइड्रेशन की समस्या को दूर करने में सहायक होती है और शरीर के सेल में इलेक्ट्रोलाइट के स्तर को बनाए रखती है। यह ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन दस्त, उल्टी, या शरीर में नमक और मिनरल्स के साथ-साथ तरल पदार्थ की कमी से पीड़ित लोगों के लिए उपयोगी है।

ओआरएस बनाने के लिए पाम शुगर एक बेहतरीन विकल्प है। रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन में चीनी और नमक का सही मिश्रण होता है। सफेद चीनी की जगह पाम चीनी का उपयोग कर सकते हैं।

7. सर्दी और खांसी के लिए 

विशेष रूप से बच्चों में सूखी खांसी, सर्दी और गले में खराश के इलाज के लिए यह शुगर एक प्राकृतिक उपाय है। अदरक की चाय में 1 बड़ा चम्मच पाम शुगर मिला सकते हैं, यह सर्दी के लिए एक अचूक उपाय है। यह रेस्पिरेटरी ट्रेक्ट को साफ करने में भी मदद करती है। यह हिचकी का भी इलाज करती है। पाम शुगर मैग्नीशियम से भरपूर होती है, इसलिए यह हमारे नर्वस सिस्टम पर भी अच्छा प्रभाव डालती है।

8. एनीमिया के लिए प्रभावी

एनीमिया हीमोग्लोबिन या लाल रक्त कोशिकाओं की कमी के कारण होता है। यह शरीर के अंगों में ऑक्सीजन के प्रवाह को कम करता है। आयरन की कमी को एनीमिया का कारण माना जाता है। पाम शुगर एनीमिया को रोकने में सक्षम है, क्योंकि यह आयरन और अन्य आवश्यक मिनरल्स से भरपूर है। रोजाना पाम शुगर  का सेवन करने से एनीमिया के रोगियों के लिए आयरन की आवश्यकता पूरी हो सकती है।

9. पाम शुगर रक्त शोधक (Blood Purifier) है 

यह रक्त को शुद्ध करती है। सीमित मात्रा में इसका नियमित सेवन रक्त को शुद्ध करता है और शरीर को स्वस्थ रखता है। खून शुद्ध रहने पर शरीर स्वस्थ रहता है।

10. महिलाओं में मासिक धर्म के दर्द से राहत दिलाती है

मासिक धर्म की समस्याओं के लिए पाम शुगर एक प्रभावी प्राकृतिक उपचार है। यह कई आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होती है, पाम के गुड़ का टुकड़ा खाने से महिलाओं को पीएमएस के लक्षणों से राहत पाने में मदद मिलती है। यदि पीरियड्स से पहले मूड स्विंग्स होते हैं तो पाम शुगर या पाम के गुड़ का एक टुकड़ा खाने से आराम आता है क्योंकि यह एंडोर्फिन को रिलीज करने में मदद करता है। एंडोर्फिन शरीर को आराम देते हैं।

11. बच्चों के विकास के लिए

पाम शुगर आयरन का एक अच्छा स्रोत है, और इसमें बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं जो बच्चों के विकास के लिए उपयुक्त हैं। बच्चों के आहार में सफेद चीनी के स्थान पर इसका प्रयोग कर सकते हैं। इसमें पोटेशियम, जिंक और आयरन जैसे मुख्य पोषक तत्व होते हैं।

12. हड्डियों और मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए  

पाम शुगर में पोटैशियम होता है। पोटेशियम हड्डियों और मांसपेशियों के टिशूज़ के रखरखाव और स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हमारे आहार में विटामिन डी और कैल्शियम की कमी के कारण हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।

13. जोड़ों के दर्द से राहत पहुंचाती है

वजन कम करने के लिए पाम शुगर को अपने दैनिक आहार में शामिल करें। पाम शुगर के मुख्य लाभों में से एक वजन घटाने में सहायक होना है। इसमें मौजूद पोटैशियम वजन घटाने के गुणों के लिए आवश्यक पोषक तत्व है। जोड़ों के दर्द से पीड़ित लोग पाम चीनी/गुड़ का सेवन कर सकते हैं, यह दर्द में राहत पहुंचाती है। बेहतर लाभ प्राप्त करने  के लिए इसे अदरक के टुकड़े के साथ खा सकते हैं। हड्डियों को मजबूत करने के लिए रोजाना इसका सेवन भी किया जा सकता है, जिससे गठिया रोग से बचाव होता है।

14. नर्वस सिस्टम के लिए 

पाम शुगर में केले और हरी सब्जियों की तुलना में पोटेशियम और मैग्नीशियम अधिक होता है, जो हमारे नर्वस सिस्टम को नियंत्रित करने में मदद करता है।

15. कोलेस्ट्रॉल को सामान्य करती है

पाम शुगर में नियासिन पाया जाता है, जो शरीर में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को सामान्य करने में मदद करता है। नियासिन हृदय रोग को रोकने में भी मदद करता है, टाइप 1 डाइबिटीज़ का इलाज करता है, ट्राइग्लिसराइड्स को कम करता है, त्वचा में सुधार लाता है और मस्तिष्क के कार्य को बढ़ाता है।

जानें – क्या ब्राउन चीनी सफ़ेद चीनी से बेहतर है ?

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About the Author: Kusum Kaushal

कुसुम कौशल ने उत्तराखंड में स्थित विश्वविद्यालय (हेमवती नंदन बहुगुणा यूनिवर्सिटी) से इकोनॉमिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। हिंदी उनकी मूल भाषा है।

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