Gluten Allergy – इसके कारण व लक्षण क्या हैं?

ग्लूटन (Gluten) एक प्रोटीन है, जो प्राकृतिक रूप से गेहूं, जौ और राई जैसे अनाज में पाया जाता है। हम में से अधिकांश के लिए यह हानिरहित होता है ,पर कुछ लोगों के लिए यह काफी परेशानी जैसे कि जी मिचलाना, पेट दर्द या दस्त का कारण बन सकता है।

ग्लूटेन एलर्जी को आमतौर पर गेहूं की एलर्जी, या कभी-कभी सीलिएक रोग ( Celiac Disease )के साथ जोड़ दिया जाता है। सीलिएक रोग एक पाचन स्थिति है, यदि इसका निदान या इलाज नहीं किया जाता तो गंभीर हो सकती है। 

गैर-सीलिएक ग्लूटन संवेदनशीलता के कारण और जोखिम कारक स्पष्ट नहीं हैं और उन पर शोध किया जा रहा है। सीलिएक रोग की तरह ग्लूटन संवेदनशीलता के कारण आंत को क्षति नहीं पहुँचती है। 

अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि गैर-सीलिएक ग्लूटन संवेदनशीलता क्यों होती है ,और क्या यह सीलिएक रोग से संबंधित हो सकती है। यह संभव है कि ग्लूटन संवेदनशीलता और सीलिएक रोग एक ही स्थिति के विभिन्न पहलुओं का प्रतिनिधित्व करते हो , या फिर वे पूरी तरह से अलग हों।

कुछ शोधकर्ताओं का कहना है कि जिन लोगों में यह समस्या है, जिसे वे ग्लूटेन सेंसिटिविटी कहते है ,वह वास्तव में ग्लूटन नहीं है। इसके बजाय, यह गेहूं में पाए जाने वाले कुछ अन्य यौगिक हो सकते हैं जो की जौं और राई में भी पाए जाते हैं। 

प्रारंभिक शोध के अध्ययन में पाया गया कि ग्लूटेन ने कुछ लोगों की आंतों में सूजन पैदा की और उन्हें सीलिएक रोग की समस्या नहीं थी।

कई अन्य अध्ययन भी किये गए हैं, जिनमे  एक अध्ययन में कुछ लोगों को शुद्ध गेहूं ग्लूटन खिलाया। (उन्हें यह नहीं पता था कि वे ग्लूटेन खा रहे हैं  ) शुद्ध ग्लूटन खाने के दौरान अध्ययन में शामिल लोगों को पाचन संबंधी लक्षणों का अनुभव नहीं हुआ, लेकिन उनमें से कुछ को अवसाद के लक्षण हुए।

एक अन्य अध्ययन ने उन लोगों को “चुनौती” देने के लिए पहली वाली तकनीक का इस्तेमाल किया, जिन्होंने कहा कि वे ग्लूटन -संवेदनशील हैं, पाया गया कि उनमें से कुछ ने शुद्ध ग्लूटन पर प्रतिक्रिया की। उस अध्ययन में, 101 लोगों ने कहा कि ग्लूटन मुक्त आहार का पालन करने पर उनके पाचन संबंधी लक्षणों में सुधार हुआ है।

कुछ लोग जो कहते हैं कि वे ग्लूटन अनाज के प्रति संवेदनशील हैं, ग्लूटन के प्रति प्रतिक्रिया करते प्रतीत होते हैं, लेकिन कई लोग अनजाने में शुद्ध ग्लूटन को खिलाए जाने पर प्रतिक्रिया नहीं करते हैं। इस पर अभी और शोध किये जाने की जरूरत है।

ग्लूटन ऐलर्जी के कारण

ग्लूटन एलर्जी एक प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system ) प्रतिक्रिया है। हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली हमें रोगजनकों (रोग पैदा करने वाली चीजों), जैसे कि बैक्टीरिया, वायरस और विषाक्त पदार्थों से बचाने के लिए डिज़ाइन की गई है। एलर्जी प्रतिक्रिया तब होती है जब इम्यून सिस्टम अच्छे पदार्थ को बुरा समझने की गलती करता है, और उस पर हमला करता है। कभी-कभी हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली हमारे शरीर में अच्छे ऊतकों और कोशिकाओं पर हमला करती है, इसे ऑटोइम्यून बीमारी कहा जाता है। गेहूं या ग्लूटन एलर्जी के मामलों में, प्रतिरक्षा प्रणाली गेहूं के प्रोटीन पर उसे हानिकारक बैक्टीरिया समझते हुए हमला करती है। 

गेहूं से एलर्जी वाले व्यक्ति का शरीर गेहूं में पाए जाने वाले प्रोटीन के लिए एक एंटीबॉडी पैदा करता है, जिससे एलर्जी होती है।

मानव शरीर एक विशिष्ट एजेंट ( एलर्जीन) एलर्जी के कारण के लिए एंटीबॉडी विकसित करती है, जो यहाँ ग्लूटन है, तो प्रतिरक्षा प्रणाली इसके प्रति संवेदनशील हो जाती है। जब भी वह व्यक्ति ग्लूटन खाता है, तो प्रतिरक्षा प्रणाली प्रोटीन की पहचान करती है और उस पर हमला करती है, जिससे एलर्जी की प्रतिक्रिया होती है।

आनुवंशिक – यदि परिवार में माता-पिता या भाई-बहन को एलर्जी है, तो व्यक्ति को गेहूं की एलर्जी का अधिक खतरा हो सकता है। 

जहाँ आनुवंशिक संयोजन सीलिएक रोग का खतरा बढ़ाते हैं, वहीं ये गैर-सीलिएक ग्लूटन संवेदनशीलता को विकसित करने पर बहुत अधिक प्रभाव नहीं डालते हैं। इस क्षेत्र में अभी और अधिक शोध किए जाने की आवश्यकता है।

एक अध्ययन में पाया गया की जो जीन सीलिएक रोग में सबसे अधिक पाए जाते हैं ,वह सामान्य जनसंख्या की तुलना में ग्लूटेन संवेदनशीलता वाले लोगों में ज्यादातर मौजूद थे, लेकिन ग्लूटन संवेदनशील वाले केवल 56% रोगियों में यह दिखाई दिए।

आयु– शिशुओं और बच्चों में गेहूं की एलर्जी होने की संभावना अन्य लोगों की तुलना में बहुत अधिक होती है। क्यूंकि उनका इम्यून सिस्टम और पाचन तंत्र अभी भी अपरिपक्व होता है। लेकिन कई वयस्कों में भी लक्षण देखे जाते हैं।  

यह अभी स्पष्ट नहीं है ,कि गैर-सीलिएक ग्लूटन संवेदनशीलता का क्या कारण हो सकता है।

ग्लूटन ऐलर्जी के लक्षण

1.पेट में दर्द –  जिन लोगो में यह समस्या हैं उन्हें अनाज से बने खाद्य पदार्थ खाने के बाद पेट दर्द की शिकायत होती है। ग्लूटेन असहिष्णुता वाले लगभग 83% लोगों को ग्लूटेन खाने के बाद पेट में दर्द और परेशानी का अनुभव होता है।

2.पेट का फूलना – कुछ लोगों में पेट में ग्लूटन का सेवन करने के बाद गैस ,पेट में ‘सूजन’ या ‘पूर्णता’ की अनुभूति होती है। आम तौर पर असहजता , पेट फूलना ,पेट में दर्द या सांस की तकलीफ जैसे परेशानी होती है।

3.आंत्र सूजन – ग्लूटन का सेवन करने के बाद आंत्र सूजन सीलिएक रोग का एक आम लक्षण है ,जिससे  पाचन में असुविधा होती है। लंबे समय में, यह पोषक तत्व अवशोषण में बाधा पहुंचा सकता है।

4.दस्त एवं कब्ज़  -लगभग 50% से अधिक ग्लूटन -संवेदनशील व्यक्तियों में नियमित रूप से दस्त जैसे पाचन लक्षण होते हैं, जबकि लगभग 25% में कब्ज की समस्या होती  हैं। 

5.थकान -ग्लूटेन का सेवन करने के बाद थकान होना भी एक लक्षण है। अगर आप नियमित रूप से थकान महसूस करते हैं, खासकर कि ग्लूटेन युक्त खाद्य पदार्थ खाने के बाद, यह ग्लूटन असहिष्णुता का संकेत हो सकता है। लगभग 60% से 82% ग्लूटन असहिष्णु व्यक्ति आमतौर पर थकान का अनुभव करते हैं। ग्लूटन असहिष्णुता एनीमिया का कारण भी बन सकता है, जिसके कारण व्यक्ति थका हुआ महसूस करता है।

6.त्वचा सम्बन्धी लक्षण -सोरायसिस, चकत्ते ,रेशेस और उनमे खुजली जैसे त्वचा सम्बन्धी लक्षण भी हो सकते हैं। ग्लूटन मुक्त आहार लेने पर इनमे सुधार देखा जाता है। 

7.अवसाद – ग्लूटेन असहिष्णुता अवसाद और चिंता के लक्षण भी पैदा कर सकती है। ग्लूटन मुक्त आहार पर स्विच करने से कुछ रोगी बेहतर महसूस करते हैं।

8.सिरदर्द -बहुत से लोग सिरदर्द या माइग्रेन का अनुभव करते हैं। अध्ययनों से पता चला है कि ग्लूटेन-असहिष्णु व्यक्तियों को दूसरों की तुलना में माइग्रेन का खतरा अधिक हो सकता है।

9.जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द -कुछ लोगों में जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द के लक्षण होते हैं। ग्लूटन-संवेदनशील व्यक्तियों में सूजन हो सकती है। जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द के कारण भी सूजन हो जाती है। 

10.पैर या हाथों का सुन्न होना – ग्लूटन असहिष्णुता का एक और आश्चर्यजनक लक्षण न्यूरोपैथी है, जिसमें हाथ और पैरों में सुन्नता या झुनझुनी होती है। यह स्थिति मधुमेह और विटामिन बी 12 की कमी वाले व्यक्तियों में आम है। हालांकि सटीक कारण ज्ञात नहीं है, कुछ इस लक्षण को ग्लूटेन असहिष्णुता से संबंधित एंटीबॉडी की उपस्थिति से जोड़ते है। 

उक्त लक्षण होने पर क्या करें ?

अगर आप ग्लूटन ऐलर्जी के लक्षण पाते हैं ,तो अपने डॉक्टर से सलाह लें। लेकिन कुछ निवारक उपाय हैं जिन्हें आप अपना सकते हैं। आपको उन खाद्य पदार्थों (गेहूं, जौ, राई) को खाने से बचना चाहिए जिनमें ग्लूटेन होता है।  जैसे –

  • पास्ता, नूडल्स
  • ब्रेड, पेस्ट्री, बिस्कुट और केक
  • नाश्ते के अनाज
  • पेनकेक्स, वफ़ल, क्रेप्स
  • कई सॉस और ग्रेवी को गाढ़ा करने वाले एजेंट के रूप में आटे से बने ग्लूटेन का इस्तेमाल किया जाता है। 

ओट्स को ग्लूटेन-मुक्त आहार में गिना जाता है ,पर ओट्स को आहार में शामिल करने से पहले डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से सलाह लें। 

जब एक सख्त ग्लूटन मुक्त आहार लिया जाता है ,तो गैर-सीलिएक ग्लूटन संवेदनशीलता के लक्षणों में सुधार होता है। यदि ग्लूटन का सेवन किया जाये , तो लक्षण फिर से दिखाई देते हैं।

ग्लूटन मुक्त आहार को बनाए रखना चुनौतीपूर्ण है, खासकर कंटैमिनेशन से बचना। प्रतिबद्धता और निरंतर सतर्क रहकर हम इससे बच सकते हैं। आहार विशेषज्ञ के साथ परामर्श करने से यह जाना जा सकता हैं कि क्या खा सकते हैं ,क्या नहीं खाना है। 

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About the Author: Kusum Kaushal

कुसुम कौशल ने उत्तराखंड में स्थित विश्वविद्यालय (हेमवती नंदन बहुगुणा यूनिवर्सिटी) से इकोनॉमिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। हिंदी उनकी मूल भाषा है।

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