छींक को रोकना कितना खतरनाक हो सकता है ?

कभी कभी जब हम लोगों के बीच होते हैं तो छींक आने पर शिष्टाचार को अपनाते हुए उसे नाक बंद करके रोक या दबा देते हैं,पर हम नहीं जानते की यह हमारे स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है। सिर और गर्दन के एक सर्जन का कहना है की हमें किसी भी तरह छींक को दबाना नहीं चाहिए।

छींक रोकना कई  बार घातक हो सकता है। यह ईयरड्रम को नुक्सान पहुंचा सकता है या आंख में रक्त वाहिका (vessels ) में दरार डाल सकता हैं। यदि आप छींक को रोकते हैं, तो छींक से दबाव आपके साइनस और खोपड़ी में जा सकता है। 

छींकने से संक्रमण को दूर करने में मदद मिलती है

छींक हमारी नाक से प्रदूषण या एलर्जी के कणों से छुटकारा पाने के लिए महत्वपूर्ण है।

कुछ लोग वायरल या बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण छींकते हैं। यदि वे छींकते नहीं हैं, तो म्यूकस  जमा हो सकता है और वापस Eustachian ट्यूबों में चला जाता है। 

यूस्टेशियन ट्यूब छोटे मार्ग हैं जो गले को मध्य कान से जोड़ते हैं। जब हम निगलते हैं, जम्हाई लेते हैं या छींकते हैं तो ये नलिकाएँ खुल जाती हैं इसलिए  कानों में हवा का दबाव या तरल पदार्थ जमा नहीं होता है।  

संक्रमित म्यूकस के यूस्टेशियन ट्यूब में वापस जाने से मध्य कान में संक्रमण हो सकता है। मध्य कान के संक्रमण से ईयरड्रम में छेद हो सकता हैं  इसलिए इन दुष्प्रभावों से बचने के लिए छींक को रोकने के विकल्प को ना चुने। 

बहुत से लोग- जब उन्हें छींक आने लगती है तो नाक और मुँह को बंद करके उसे अवरुद्ध करते हैं, वे छींक के बल को रोक देते हैं।

हाल ही में इंग्लैंड के एक अस्पताल में इमरजेंसी सेवा में एक व्यक्ति को भर्ती कराना पड़ा जिसकी गर्दन सूजी हुई थी और उसमे और अत्यधिक दर्द था। मरीज़ ने नाक और मुंह बंद करके छींक को रोकने की कोशिश की थी। डॉक्टरों ने मेडिकल जर्नल बीएमजे केस रिपोर्ट्स में प्रकाशित एक अध्ययन में विस्तार से इस केस के बारे में बताया था। 

उसकी स्कैन रिपोर्ट से इस बात की  पुष्टि हुई की छींक का बल रोकने से उस बल ने गले के पिछले हिस्से को नुक्सान पहुंचाया था। वह आदमी न तो खाना  निगल पा रहा था ना बोल पा रहा था। उसे अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था, जहाँ उसे ट्यूब-फीड किया गया और सूजन और दर्द कम होने तक  एंटीबायोटिक्स दिए गए थे। उसे एक हफ्ते के बाद अस्पताल से छुट्टी दी गई।

 डॉक्टरों के अनुसार कई  मामलों में,  छींक को रोकने से एक ऐसी स्थिति पैदा हो जाती है जिसमें हवा फेफड़ों के बीच फंस जाती है और यहां तक कि एक मस्तिष्क के धमनीविस्फार (cerebral aneurysm )जो मस्तिष्क में एक ballooning रक्त वाहिका है भी टूट सकती है। 

इस प्रकार अवरुद्ध छींक से कई अस्वास्थ्यकर स्थितियां पैदा हो सकती हैं। जैसे की –

  • डायाफ्राम को नुक्सान हो सकता है।  
  • आंख के सफेद भाग में रक्त वाहिका टूट सकती है, जिससे आईरिस के आसपास का सफेद भाग फट सकता है। 
  •  रोकी गई छींक से उत्पन्न तेज़ हवा आंतरिक कान पर चोट का कारण बन सकती है।जिससे सिर में दर्द हो सकता है या सुनने की क्षमता कम हो सकती है। 
  • इससे मस्तिष्क में रक्त वाहिका (ब्लड वेसल ) कमजोर हो जाती है और रक्तचाप के कुछ क्षण के लिए बढ़ने के कारण उसे नुकसान पहुंचा सकती है। 

इसलिए छींक को किसी भी हाल में रोकने का प्रयत्न ना करें। 

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About the Author: Kusum Kaushal

कुसुम कौशल ने उत्तराखंड में स्थित विश्वविद्यालय (हेमवती नंदन बहुगुणा यूनिवर्सिटी) से इकोनॉमिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। हिंदी उनकी मूल भाषा है।

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