आधुनिक विज्ञान ने रिसर्च में पाया है कि शुद्ध घी में एंटीऑक्सिडेंट प्रचुर मात्रा में होते है। शुद्ध घी में मौजूद फैट अन्य खाद्य पदार्थों से फैट विटामिन और खनिजों को एब्सॉर्ब करने में मदद करता है, जिससे इम्मुनिटी मजबूत होती है। शुद्ध घी में ब्यूटिरिक एसिड( एंटी-वायरल गुणों वाला एक फैटी एसिड) भी पाया जाता है, जो कैंसर और ट्यूमर को बनने से रोकने में सहायक होता है।
हाल के शोध में यह भी पाया गया है की घी में लिनोलिक एसिड होता है। लिनोलिक एसिड कुछ प्रकार के कैंसर के विकास को रोकता है और हमें हृदय रोग से भी बचाता है। शाकाहारी भोजन में इस एसिड की कमी होती है।
आयुर्वेद के अनुसार
गाय के दूध से बना घी स्मृति (memory ), बुद्धि और पाचन को बढ़ाता है। यह घावों के उपचार में भी सहायक होता है, त्वचा को चमकदार बनाता है और इम्युनिटी को बनाए रखता है।
घी के लाभों के बारे में कुछ भ्रांतियां लोगों में हैं जिनमे से कुछ ये हैं –
मिथक : घी वजन बढ़ाता है।
शुद्ध देसी घी के सेवन से संबंधित आम मिथकों में से यह एक है। हम में से कई लोग वजन बढ़ने के डर से घी नहीं खाते हैं, लेकिन तथ्य यह है कि घी में मौजूद लिनोलिक एसिड वजन कम करता है, वजन बढ़ाता नहीं है। इसलिए दाल में थोड़ी मात्रा में देसी घी या रोटी पर एक चम्मच घी हमें फिट रहने में मदद करता है ।
मिथक : घी खाने से दिल के दौरे और स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है।
निश्चित मात्रा से ज्यादा खायी गयी हर चीज़ सेहत को नुक्सान पहुँचाती है पर सावधानी पूर्वक निश्चित मात्रा में खा कर हम उसका उचित लाभ ले सकते हैं यही बात घी पर भी लागू होती है अगर जरूरत से ज्यादा खाएंगे तो नुक्सान होगा पर सीमा में रहकर खाने पर पूरा लाभ मिलेगा। ज्यादातर लोग हृदय रोगों के डर से घी खाने से परहेज करते हैं। नियमित व्यायाम करने वाले लोग भी, घी से दूर रहते हैं। हालांकि, गाय का घी एंटीऑक्सिडेंट, लिनोलिक एसिड और विटामिन ए, ई और डी जैसे प्रमुख विटामिन से भरपूर होता है,और हृदय रोगों से बचाता है।
मिथक : देसी घी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।
शुद्ध देसी घी में मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड होते हैं जो अच्छे माने जाते हैं और शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाते है। जब सावधानी से खाया जाये , तो घी के कई लाभ हैं और यह वास्तव में, स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। मेडिकल अध्ययनों ने भी लीवर के भीतर कार्सिनोजेन्स को सक्रिय करने वाली एंजाइम की गतिविधि को कम करके कैंसर को रोकने के लिए घी को लाभदायक बताया है। यह कार्सिनोजेन डिटॉक्सीफिकेशन को बढ़ाता है और किसी भी प्रकार के कैंसर के बढ़ने की संभावना को कम करता है।
मिथक : जिन्हे लैक्टोज पचाने में दिक्कत होती हैं उन्हें घी का सेवन नहीं करना चाहिए।
यह लैक्टोज- पचाने में दिक्कत वाले लोगों के बीच एक भ्र्म है कि देसी घी का सेवन उनके स्वास्थ्य को खराब कर सकता है । दूध के ठोस पदार्थ घी से अलग हो जाते है इसलिए घी का सेवन किया जा सकता है।
मिथक : देसी घी में खाना पकाना सुरक्षित नहीं है।
हर तेल का एक स्मोक बिंदु (point ) होता है, जिस पर वे टूटते हैं और मुक्त कणों का निर्माण करते हैं, घी में काफी उच्च स्मोक बिंदु (लगभग 250 डिग्री सेल्सियस) होता है, जिसके लिए यह मुक्त कणों में टूटता नहीं है और इस तरह यह खाना बनाने के लिए सबसे सुरक्षित माध्यम माना जाता है।
घी के कुछ फायदे
- घी बीटा कैरोटीन और विटामिन ए, डी, ई, और के का स्रोत है। बीटा कैरोटीन और विटामिन ई महत्वपूर्ण एंटीऑक्सिडेंट हैं। घी में विटामिन ए स्वाभाविक रूप से मौजूद होता है,जो अन्य खाद्य तेलों में नहीं होता हैं। .
- घी में दूध के ठोस पदार्थ, लैक्टोज या शर्करा नहीं होती है। मक्खन से घी बनने पर ये अलग हो जाते हैं, इसलिए यह जिन लोगों को लैक्टोज नहीं पचता उन लोगों के लिए भी अच्छा है।
- घी कमरे के तापमान पर भी बासी या ख़राब नहीं होता है।
- अगर हम हर रोज अपने खाने में शुद्ध घी को शामिल करते हैं तो यह एजिंग प्रॉसेस को धीमा करता है।
- यह शरीर और दिमाग से विषाक्त पदार्थों को भी बाहर निकालता है।
- घी बच्चों के विकास के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह स्मृति (memory ) और एकाग्रता (concentration ) शक्ति में भी सुधार करता है।
- घी में घाव भरने की क्षमता होती है । यदि इसे घाव या जलने पर लगाया जाता है, तो बहुत फायदा मिलता है । इसका उपयोग गैंगरीन अल्सर आदि को ठीक करने के लिए किया जा सकता है।
- शुद्ध घी में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो स्वस्थ पाचन क्रिया को बढ़ावा देते है और वजन घटाने में मदद करते है (जब इसे एक सीमित मात्रा में खाया जाता है )।
- आंतों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।
सेहत के लिए घी का पूरा लाभ लेने के लिए कोशिश करें की इसे अपने लिए घर पर ही बनायें और जरुरत से ज्यादा ना खाएं।