वैज्ञानिक रूप से धूप हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है। यह हमारे शारीरिक एवं मानसिक दोनों स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। सूरज की रोशनी और अंधेरा मस्तिष्क में हार्मोन के स्राव को ट्रिगर करते हैं। ऐसा माना जाता है कि सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने से मस्तिष्क में सेरोटोनिन नामक हार्मोन का स्राव बढ़ जाता है। सेरोटोनिन मूड को अच्छा और शांत रखने और ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। रात का अंधेरा मस्तिष्क को मेलाटोनिन नामक हार्मोन बनाने के लिए प्रेरित करता है। यह हार्मोन सोने में मदद करने के लिए जिम्मेदार होता है। पर्याप्त धूप ना मिलने पर सेरोटोनिन का स्तर कम हो सकता है। सेरोटोनिन का निम्न स्तर अवसाद (depression) के उच्च जोखिम से जुड़ा हुआ है।
धूप लेने के क्या फायदे हैं, आइये जानते हैं –
1.विटामिन डी का स्रोत्र
विटामिन डी प्राप्त करने के का सबसे आसान तरीका है धूप लेना। सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने पर हमारा शरीर विटामिन डी का उत्पादन करता है, जो हड्डियों, रक्त कोशिकाओं और इम्यून सिस्टम के लिए महत्वपूर्ण है। यह कैल्शियम और फास्फोरस जैसे मिनरल्स को लेने और उपयोग करने में भी मदद करता है।
2.नींद में सुधार करती है
शरीर की आंतरिक घड़ी को सेट करने में मदद करने के लिए आंखों को प्रकाश की आवश्यकता होती है। विशेष रूप से सुबह की धूप हमें रात में सोने में मदद करती है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, यह अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि उम्र बढ़ने पर आंखें कम रोशनी ले पाती हैं और सोने में समस्या होने की संभावना अधिक होती है।
शोध बताते हैं कि सुबह में एक घंटे की प्राकृतिक रोशनी बेहतर नींद में मदद करती है। हमारा शरीर मेलाटोनिन नामक एक हार्मोन बनाता है, जो हमें सोने में मदद करता है। अंधेरा होने पर शरीर इसे बनाना शुरू कर देता है। जितना अधिक हम दिन के उजाले का अनुभव प्राप्त करते हैं, सोने का समय होने पर शरीर मेलाटोनिन का उत्पादन उतना ही बेहतर करेगा।आमतौर पर सूरज डूबने के दो घंटे बाद नींद आने लगती है, यही एक कारण है कि गर्मियों में हमारा शरीर स्वाभाविक रूप से देर तक जगता रहता है।
3.तनाव को कम करती है
मेलाटोनिन तनाव को भी कम करता है और धूप लेने से शरीर को स्वाभाविक रूप से मेलाटोनिन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है, जो तनाव के स्तर को कम करने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त जब हम बाहर होते हैं, तो सक्रिय रहते हैं, व्यायाम भी तनाव को कम करने में मदद करता है।
4.सूजन (inflammation) ठीक करने में सहायक
धूप त्वचा के सूजन संबंधी रोग जैसे कि सोरायसिस, एक्जिमा इत्यादि में सुधार ला सकती है। सूर्य के प्रकाश को ऑटोइम्यून रोगों जैसे की गठिया और आंत्र में सूजन संबंधी रोग में सुधार के साथ भी जोड़ा गया है।
5.ऊर्जा बढ़ाती है
सूरज की रोशनी हमारे दिमाग को सतर्क और जगे रहने का संकेत देती है। हम अधिक सक्रिय रहते है। दूसरे शब्दों में, बाहर जाना हमे अधिक जीवंत और ऊर्जावान महसूस करने में मदद करता है।
6.मेटाबोलिक सिंड्रोम का जोखिम कम
सूर्य का प्रकाश मेटाबोलिक सिंड्रोम के विकास के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है, जिसमें उच्च रक्तचाप, शरीर में अतिरिक्त फैट और उच्च रक्त शर्करा (high blood sugar) शामिल हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सूर्य के प्रकाश में एक निश्चित तरंग दैर्ध्य शरीर में कुछ प्रकार के फैट टिस्शुस पर प्रभाव डालने के लिए पर्याप्त गहराई तक जाती है, जो मेटाबोलिक सिंड्रोम से रक्षा कर सकती है।
7.प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है
विटामिन डी प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए भी महत्वपूर्ण है, सूरज की रोशनी के लगातार संपर्क में रहने से इम्यून सिस्टम मजबूत बनाने में मदद मिलती है।
8.धूप उपचार के रूप में
त्वचा की कुछ समस्याओं के अलावा, फ़िल्टर्ड धूप का उपयोग नवजात शिशुओं में पीलिया के इलाज के लिए भी किया जा सकता है, जो ज्यादातर तब होता है, जब रक्त में बहुत अधिक रासायनिक बिलीरुबिन होता है, इससे बच्चे की त्वचा थोड़ी पीली दिखाई देती है। बच्चे को फ़िल्टर्ड धूप में रखना बिलीरुबिन से छुटकारा पाने में मदद कर सकता है। नवजात को कभी भी बाहर सीधी धूप में न रखें।
9.डिप्रेशन से लड़ने में मदद करती है
विज्ञान कहता है की धूप में रहने से मूड बेहतर होता है। धूप शरीर के सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ाती है, सेरोटोनिन एक रसायन है जो मूड को बेहतर बनाता है, शांत और केंद्रित रहने में मदद करता है। प्राकृतिक प्रकाश के संपर्क से मौसमी भावात्मक विकार के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है।
कितनी देर तक धूप लेना पर्याप्त है ?
इसका जवाब सबके लिए अलग है। यह कई तत्वों पर निर्भर करता है जैसे – त्वचा की टोन, उम्र, स्वास्थ्य इतिहास, आहार इत्यादि। सामान्य तौर पर अधिकतम लाभ उठाने के लिए सांवली त्वचा के लिए 15 मिनट – 30 मिनट तक लेना पर्याप्त है।
बिना सन स्क्रीन का इस्तेमाल किये बहुत अधिक समय तक धूप त्वचा को जल्दी बूढ़ा कर सकती है, जिससे झुर्रियाँ, काले धब्बे हो सकते हैं। धूप से झुलसी त्वचा ठीक करने के लिए शरीर प्रतिरक्षा प्रणाली से सफेद रक्त कोशिकाओं का उपयोग करती है। यह शरीर की कीटाणुओं से लड़ने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है और व्यक्ति की बीमार होने की संभावना को बढ़ा सकता है।