पिछले कुछ वर्षों से वैज्ञानिकों ने आम जड़ी-बूटियों और मसालों की शक्तियों का अध्ययन किया है। मसालों में एंटी-प्रोलिफ़ेरेटिव, एंटी-हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिक, एंटी-डायबिटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।
आज कल मधुमेह, दिल के रोग, गठिया जैसी बीमारियाँ स्वास्थ्य के लिए चिंता का विषय हैं। मसालों या उनमें मौजूद कंपाउंड्स का उपयोग इन स्वास्थ्य विकारों में सुधार लाने या निवारण करने के लिए किया जा सकता है। मसाले एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होते है।
मसालों में कैलोरी की मात्रा बहुत कम होती है। ये एंटीऑक्सिडेंट और अन्य बायोएक्टिव कंपाउंड्स के स्रोत हैं। भारतीय रसोई में उपयोग किए जाने वाले कुछ मसाले स्वाद के साथ साथ हृदय को स्वस्थ्य बनाए रखने की क्षमता रखते हैं। आइए दिल के स्वास्थ्य को बनाये रखने वाले मसालों के बारे में जानें।
1. धनिया
धनिये के बीजों में लिपिड-कम करने वाले गुण होते हैं। जिससे एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड का स्तर कम हो जाता है और एचडीएल का स्तर बढ़ जाता है। भारतीय खाने में धनिये का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
धनिये का अर्क मूत्रवर्धक के रूप में कार्य करता है, जिससे शरीर को अतिरिक्त सोडियम और पानी निकालने में मदद मिलती है। यह रक्तचाप को कम कर सकता है।
2. हल्दी
इन्फ्लेमेशन हृदय के साथ साथ शरीर के सभी अंगों और प्रणालियों के लिए हानिकारक है। हल्दी में मौजूद यौगिक करक्यूमिन में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सिडेंट, एंटीकार्सिनोजेनिक, एंटीथ्रॉम्बोटिक और हृदय से संबंधी सुरक्षात्मक प्रभाव पाए गए हैं। रिसर्च बतातीं हैं की हल्दी में केलोस्ट्रोल के लेवल को कम करने वाले गुण हैं।
3. दालचीनी
रिसर्च बतातीं हैं कि दालचीनी में एंटीऑक्सिडेंट, एंटी इंफ्लेमटरी, एंटीडायबिटिक, एंटीमाइक्रोबियल, एंटीकैंसर, लिपिड-कम करने और कार्डियोप्रोटेक्टिव गुण पाए जाते हैं। दालचीनी में सिनामाल्डिहाइड, सिनामिक एसिड और सिनामेट जैसे कम्पाउंड पाए जाते है। दालचीनी के यह गुण कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक होते हैं।
4. काली मिर्च
काली मिर्च में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमटरी गुण हैं। इसका लिपिड-कम करने वाले प्रभावों के साथ सीधा संबंध हैं। इसमें पाया जाने वाला कम्पाउंड पिपेरिन एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल को कम और एचडीएल (अच्छे) कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने में सहायक है।
काली मिर्च वैनेडियम से भी भरपूर होती है, जो दिल का दौरा पड़ने के बाद कार्डियक फंक्शन रिकवरी को बढ़ावा दे सकती है।
5. लौंग
लौंग में एंटीबैक्टीरियल, एंटीकैंसर, एंटी -इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। जिनका उपयोग सदियों से चिकित्सा में किया जाता रहा है। अध्ययनों ने ब्लड शुगर के स्तर और लिपिड के स्तर को कम करने पर इसके प्रभाव को दिखाया है। जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस का खतरा कम हो सकता है।
6. अदरक
रिसर्च बतातीं हैं कि अदरक दिल को स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकता है। अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो हृदय के लिए हानिकारक ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते है। अदरक कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी मदद करता है , यह लिवर के कार्य में सुधार करता है, रक्तचाप को कम करने में मदद करता है, यह सभी स्वस्थ हृदय के लिए जरूरी हैं। भोजन में सूखे अदरक को मसाले के रूप में शामिल किया जा सकता है।
7. लहसुन
लहसुन में एंटी-इंफ्लेमेटरी, जीवाणुरोधी और एंटिफंगल गुण होने के अलावा लहसुन के उच्च रक्तचाप और डिस्लिपिडेमिया सहित हृदय रोग के विभिन्न पहलुओं को कम करने पर लाभकारी प्रभाव देखे गए हैं। लहसुन की कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में अहम् भूमिका है।
8. डिल (Dill)
शिशुओं में पेट दर्द, पाचन समस्याओं और साँस सम्बन्धी बीमारियों को रोकने के लिए पारंपरिक चिकित्सा में अक्सर डिल का उपयोग किया जाता रहा है। यह कोलेस्ट्रॉल और ग्लूकोज के स्तर को कम करने में भी मदद करती है।
9. मेथी दाना
मेथी में सैपोनिन होता है जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। कुछ अध्ययनों से संकेत मिलता है कि शरीर में कोलेस्ट्रॉल के उत्पादन को कम करने में सैपोनिन की भूमिका होती है, विशेष रूप से एलडीएल या खराब कोलेस्ट्रॉल। यह डायबीटीस को भी नियंत्रित करता है।
10. प्याज
लहसुन की तरह प्याज में भी कोलेस्ट्रॉल , ट्राइग्लिसराइड्स और इन्फ्लेमेशन को कम करने की क्षमता होती है। प्याज में एंटीऑक्सिडेंट, एंटीअस्थमैटिक, एंटीबायोटिक और एंटीकार्सिनोजेनिक गुण पाए जाते हैं। हृदय के स्वास्थ्य के लिए आहार में कच्चा प्याज शामिल करें।