ओट्स (जई) की गिनती स्वास्थवर्धक अनाजों में की जाती है। हाल ही के कुछ सालों से आप ओट्स के बारे में बहुत सुन रहे हैं, सभी आहार में इन्हे शामिल करने की सलाह देते हैं। तो चलिए आज हम ओट्स के बारे में चर्चा करते हैं। यह क्या हैं, इसके कितने प्रकार है, इसके कुछ लाभ इत्यादि।
ओट एक अनाज है, जो एवेना सैटिवा के पौधे से प्राप्त होता है। इसके लिए ठंडी और नम जलवायु की आवश्यकता होती है। फसल को काटने के बाद इसे पशु चारा, त्वचा उत्पादों और भोजन में उपयोग के लिए तैयार किया जाता है। ओट मुख्य रूप से अमेरिका, यूरोपीय देशों, कनाडा, पोलैंड और फिनलैंड में उगाया जाता है।
पहले ओट का उपयोग पशु आहार के लिए किया जाता था और बहुत कम लोग इसका प्रयोग खाने के लिए करते थे। लेकिन अब जैसे-जैसे लोगों को इसके स्वास्थ्य लाभों के बारे में पता चल रहा है, इसकी मांग दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही है।
खाने के उपयोग के लिए, ओट्स को भट्टी में उबाला जाता है या स्टीम किया जाता है या गर्म किया जाता है, फिर उसे ठंडा कर लिया जाता है, इस प्रक्रिया से इसका स्वाद बढ़ जाता है। फिर इसका आटा, ओटमील बनाने के लिए पीसा या क्रश किया जाता है।
ओट्स के विभिन्न प्रकार
ओट्स को अक्सर ओटमील के रूप में, ग्रेनोला, मूसली, कूकीज इत्यादि बनाकर खाया जाता है। ये स्वाद के साथ साथ पोषण को भी बढ़ाते हैं। इसके प्रभावशाली स्वास्थ्य लाभ है। इसके अलग अलग प्रकारों की यहाँ हम चर्चा करेंगे –
1. ओट ग्रोट्स
ओट ग्रोट्स अनाज के साबुत दाने हैं। साबुत अनाज का छिलका हटा कर साफ किया गया है, इन्हे उबाल कर पकाया जाता है और सलाद में इस्तेमाल किया जाता है। इसमें पोषण मूल्य सबसे अधिक होते है।
इसे पानी के साथ पकाया जा सकता है और किसी अन्य अनाज की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे सूप, सलाद में इस्तेमाल किया जा सकता है, फलों के साथ भी मिलाकर खा सकते है। भारत में साबुत ओट्स उपलब्ध नहीं है।
2. स्टील-कट ओट्स (आयरिश ओट्स )
इसे आयरिश ओट्स भी कहा जाता है, ओट्स को स्टील ब्लेड से छोटे टुकड़ों में काटा जाता है। टुकड़े जितने बड़े होंगे, उन्हें पकाने में उतना ही अधिक समय लगेगा। स्टील-कट वाले ओट्स को पकाने में लगभग 25 से 30 मिनट लगते हैं।
3. रोल्ड ओट्स (पुराने जमाने के ओट्स )
ओट को स्टीम किया गया है, घुमा कर समतल फ्लेक्स बनाये जाते हैं और फिर सुखा दिया जाता है। हमें भारत में आमतौर पर यह पुराने जमाने के ओट्स भी मिलते हैं।
इन्हे दूध में पकाकर, स्मूदी बनाकर, ग्रेनोला, मफिन, स्नैक बार, कुकीज़, पेनकेक्स के लिए उपयोग कर सकते हैं।
4. इंस्टेंट ओट्स
इंस्टेंट ओट्स रोल्ड ओट्स के जैसे ही होते हैं,इसे ज्यादा समय तक उबाला जाता है फिर पतले फ्लेक्स बनाये जाते हैं। यह प्रक्रिया उन्हें पानी को सोखने और जल्दी पकने में मदद करती है। इन्हे पकाने के लिए आम तौर पर 1 से 3 मिनट लगते हैं।
इन्हे बाइंडर के रूप में, कुकीज, स्मूदी, मफिन, पेनकेक्स बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह हमारे देश में आसानी से उपलब्ध हैं।
5. ओट ब्रान ( चोकर )
ओट ब्रान (चोकर )अनाज की बाहरी परत है, जो छिलके के नीचे होती है। ओट ब्रान सभी होल ग्रेन ओट्स उत्पादों में पाया जाता है, लेकिन ओट ब्रान बाजार में अलग से भी उपलब्ध हो जाता है। इसमें फाइबर काफी अधिक मात्रा में होता है।
6. ओट्स का आटा
ओट का आटा इसे पीसकर बनाया जाता है और अक्सर इसका इस्तेमाल या तो अकेले या अन्य आटे के साथ मिलाकर किया जाता है।
इसका उपयोग ब्रेड, केक, और कुकीज़ में लगभग 20% गेहूं के आटे के साथ मिलाकर किया जा सकता है, मफिन और पेनकेक्स बनाने के लिए इसे पूरी तरह से उपयोग कर सकते हैं।
ओट्स में पाए जाने वाले पोषक तत्व
ओट्स हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर अनाज हैं। ओट कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन का अच्छा स्रोत है। यह मिनरल्स, विटामिन और फाइटोकेमिकल्स से भी भरपूर होते है।
कार्बोहाइड्रेट्स
एक कप पके हुए ओट्स में लगभग 30 ग्राम काम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट होते हैं। नाश्ते में ओट्स खाना अन्य अनाज की तुलना में एक स्वस्थ विकल्प है।
फैट्स
प्लेन ओट्स में फैट बहुत कम (2.5 ग्राम प्रति सर्विंग ) होता है। ओट्स में ज्यादातर पॉलीअनसेचुरेटेड और मोनोअनसैचुरेटेड फैट होता है, बहुत कम सैचुरेटेड फैट होता है।
प्रोटीन
ओट्स प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है, प्रति सर्विंग लगभग 5 ग्राम प्रदान करता है। ओट्स हमारी दैनिक प्रोटीन आवश्यकताओं में योगदान देते हैं।
फाइबर
ओट्स सॉल्युबल डाइट्री फाइबर का एक अच्छा स्रोत है। 100 ग्राम ओट्स में लगभग 1.7 ग्राम फाइबर होता है।
विटामिन और मिनरल्स
ओट्स में कई विटामिन और मिनरल्स मौजूद हैं, जैसे की –
- मैंगनीज – यह आमतौर पर साबुत ओट्स में उच्च मात्रा में पाया जाता है, यह ट्रेस मिनरल विकास, और मेटाबोलिज्म के लिए महत्वपूर्ण होता है।
- फास्फोरस – यह हड्डियों और टिस्शुस के स्वास्थ्य और उन्हें पोषण देने के लिए महत्वपूर्ण होता है।
- कॉपर – इसे हृदय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
- विटामिन बी 1 – यह थायमिन के रूप में भी जाना जाता है, यह विटामिन कई खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, जिसमें अनाज,बीन्स, नट्स, और मांस शामिल हैं।
- आयरन – हमारे आहार में आयरन बहुत आवश्यक है।
- सेलेनियम – यह एंटीऑक्सिडेंट हमारे शरीर में विभिन्न प्रक्रियाओं के लिए महत्वपूर्ण है। सेलेनियम का कम स्तर इम्यून सिस्टम और मानसिक कार्य को कमजोर कर देता है।
- मैग्नीशियम – यह हमारे शरीर में कई प्रक्रियाओं के लिए महत्वपूर्ण है।
- जिंक – यह मिनरल शरीर में कई रासायनिक प्रतिक्रियाओं में योगदान देता है और पूरे स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
स्वास्थ्य के लिए ओट्स के फायदे:
सेहत के लिए ओट्स के कई लाभ हैं –
1.ओट्स कोलोस्ट्रोल कम करते हैं, हृदय रोग से बचाते हैं – ओट्स में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट हृदय रोग के लिए फायदेमंद होते हैं और डाइट्री फाइबर अच्छे कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) को प्रभावित किए बिना खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को कम करने में मदद करते हैं। ओट्स में प्लांट लिग्नन्स भी होते हैं, विशेष रूप से एंटरोलैक्टोन, जो हृदय रोग से बचाता है। यह एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो दिल के लिए अच्छा साबित हुआ है।
2. ओट्स कब्ज़ की समस्या से दूर रखते हैं – ओट्स फाइबर का अच्छा स्रोत है, दोनों सॉल्युबल और इनसॉल्युबल का, जो मल त्याग को नियमित करने में मदद करता है। अपने दैनिक आहार में ओट्स को शामिल करने से कब्ज की समस्या को दूर रखा जा सकता है। अपने नाश्ते के भोजन के हिस्से के रूप में इसे अपनाएं।
3. शुगर के मरीज़ों के लिए लाभदायक है – विश्व की लगभग 6.6% आबादी मधुमेह के रोग से पीड़ित है। ओट्स ब्लड शुगर को स्थिर करने में मदद करते है और टाइप -2 डायबिटीज़ के खतरे को कम करते है, मधुमेह रोगियों को नियमित रूप से ओट्स का सेवन करना चाहिए। उच्च फाइबर और काम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट इसके शर्करा में परिवर्तित (conversion )होने की प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं, और बीटा-ग्लूकन भोजन खाने से पहले की रक्त शर्करा के स्तर में गिरावट को रोकता है और भोजन के बाद ब्लड शुगर की वृद्धि को धीमा कर देता है।
4. वजन घटाने में सहायक – ओट्स में बीटा ग्लूकान फाइबर होता है, जो लम्बे समय तक पेट को भरा हुआ महसूस कराता है, जिससे हम अतिरिक्त कैलोरी खाने से बच जाते हैं। यदि आप वजन कम करना चाहते हैं, तो नियमित रूप से अपने आहार में ओट्स को शामिल करें।
5. उच्च रक्तचाप को कम करता है – यदि आपको उच्च रक्तचाप की समस्या है, तो ओट्स का नियमित सेवन इस समस्या से निपटने में आपकी मदद करेगा। आप नाश्ते में या दोपहर के भोजन के समय में भी इस स्वास्थ्यप्रद अनाज को खा सकते हैं।
6. ओट्स कैंसर के खतरे को कम करते हैं – ओट्स में मौजूद लिगनेन ( lignan ) जहाँ एक ओर हृदय रोग को रोकने में मदद करता है, वहीं दूसरी ओर हार्मोन से संबंधित कैंसर जैसे ,स्तन कैंसर, प्रोस्टेट और ओवेरियन कैंसर के खतरे को कम करता है। इसलिए ओट्स खाना पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए सेहतमंद है।.
7. ओट्स रोग से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को तेज़ करते है – ओट्स में मौजूद बीटा-ग्लूटेन नामक फाइबर, न्युट्रोफिल को संक्रमण (infection ) की जगह पर अधिक तेज़ी से पहुँचने में मदद करता है और उसकी बेक्टेरिया को ख़त्म करने की क्षमता को बढ़ाता है।
8. त्वचा के लिए लाभदायक है – ओट्स त्वचा के पीएच को सामान्य करने में मदद करते है। यह त्वचा को नमी देने और मुलायम बनाने में भी मदद करते है। फेस पैक, बाथ पाउडर और फेस स्क्रब में भी ओट्स का इस्तेमाल किया जाता है। यह बहुत ही सौम्य एक्सफ़ोलीएटर है और शुष्क ( dry ) त्वचा को मुलायम बनाने में मदद करता है।
9. यह विटामिन ई से भरपूर होते हैं – ओट में उच्च मात्रा में विटामिन ई होता है, विटामिन ई जैसे एंटीऑक्सिडेंट शरीर को फ्री रेडिकल्स की क्षति नहीं होने देते हैं और शरीर को कैंसर, मोतियाबिंद और गठिया जैसी कई बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं।
ओट्स के इन गुणों का लाभ उठाने के लिए आप ओट्स चीला , ओट्स बार या फिर मीठे ओट्स फल मिलाकर खा सकते हैं।
ओट्स के साइड इफेक्ट्स
- किसी भी अन्य भोजन की तरह ओट्स की भी बहुत अधिक मात्रा में सेवन करना सूजन और गैस का कारण बन सकता है। इसका बहुत अधिक मात्रा में सेवन वज़न को बढ़ा भी सकता है।
- जिन लोगों को ग्लूटन एलर्जी है ,वे इसका सेवन करने से पहले लेबल को ध्यान पूर्वक चेक कर लें उनके लिए ग्लूटेन मुक्त लेबल वाले जई का सेवन करना महत्वपूर्ण है।
- ओट्स को बनाते वक्त स्वाद को बढ़ाने के लिए उसे शुगर बाउल ना बनाये, पहले से ही कार्बोहाइड्रेट से भरपूर नाश्ते में बहुत सी चीनी मिलाने से यह असंतुलित हो सकता है। मीठा करने के लिए फलों को शामिल करके प्राकृतिक मिठास ले सकते है, वर्ना यह शुगर बाउल मोटापा बढ़ाकर सेहत को ख़राब कर सकता है।
ओट्स के गुणों एवं उसके पोषक तत्वों के बारे में जानते हुए हमें इसे अपने आहार में अवश्य अपनाना चाहिए। इसकी तुच्छ हानियों को नियंत्रित करना हमारे हाथ में है।