हिचकी आने के कारण
गर्दन से छाती तक फैली नसों में जलन के कारण हिचकी आती है। इस जलन के कई कारण होते हैं, जैसे बहुत जल्दी-जल्दी भोजन करना और हवा निगलना, च्युइंग गम चबाना, धूम्रपान करना, बहुत अधिक खाना या पीना, स्ट्रोक, कुछ दवाएं, हानिकारक धुआं, चिंता इत्यादि कई कारण शामिल हैं। गले में ख़राश या कान में संक्रमण – या यहाँ तक कि कान के परदे को छूने वाला बाल भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है।
शिशुओं में हिचकी रोने, खाँसी या गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स के कारण हो सकती है।
हिचकी से कैसे छुटकारा पाया जा सकता है ?
हिचकी को ठीक करने के लिए कई तरह के घरेलू उपचार हैं, जिनमें कुछ देर के लिए अपनी सांस रोकना से लेकर तुरंत एक गिलास पानी पीना शामिल है। इनमें से अधिकांश उपचारों में सामान्य सूत्र यह है कि खून में कार्बन डाइऑक्साइड का निर्माण होता है या वेगस तंत्रिका (नर्व ) को उत्तेजित करने से हिचकी बंद हो जाएगी। हिचकी को ठीक करने के लिए चिकित्सा देखभाल की शायद ही कभी आवश्यकता होती है। यदि किसी व्यक्ति को दो दिनों से अधिक समय तक हिचकी आती है, तो उन्हें चिकित्सा देखभाल लेनी चाहिए।
हिचकी से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय
ऐसे कई घरेलू उपाय हैं, जिन्हें हिचकी से छुटकारा पाने में मददगार माना गया है। उनमे से कुछ यहाँ बताये गएँ हैं –
1. सांस को कुछ समय के लिए रोकें – गहरी सांस लें और जब तक आप इसे आसानी से रोक सकें तब तक रोककर रखें। यह डायाफ्राम को आराम देने में मदद करता है और अक्सर हिचकी रुक जाती है।
2. पानी पिएं – हवा निगले बिना जल्दी जल्दी छोटे-छोटे घूंट में पानी पिएं। यह वेगस तंत्रिका को उत्तेजित करने और हिचकी को रोकने में मदद करता है।
3. चीनी निगलें – एक चम्मच दानेदार चीनी लेने से वेगस तंत्रिका को उत्तेजित करने और हिचकी रोकने में मदद मिलती है। जीभ के पिछले हिस्से पर आधा चम्मच सूखी चीनी रखें। इस प्रक्रिया को 2 मिनट के अंतराल पर 3 बार दोहराएं, छोटे बच्चों में चीनी की जगह कॉर्न सिरप का उपयोग करें।
4. अपना ध्यान किसी और तरफ लगाएं – कभी-कभी तनाव या चिंता के कारण भी हिचकी आ सकती है। ऐसी गतिविधियों में अपना ध्यान लगाना जो दिमाग को विचलित करती हैं, जैसे कि 100 से उलटी गिनती गिनना या पहेली को हल करना इत्यादि, यह हिचकी के चक्र को बाधित करने में मदद करता है।
5. नींबू का टुकड़ा चूसें – नींबू का खट्टा स्वाद हिचकी को कम करने में मदद करता है।
6. पानी से गरारे करें – बर्फ के ठंडे पानी से गरारे करने से गले के पीछे की नसों को उत्तेजित करने में मदद मिलती है और हिचकी बंद हो सकती है।
किसी व्यक्ति को केवल उन्हीं तरीकों को आज़माना चाहिए जो उसके लिए आरामदायक हों और इस बात से अवगत रहें कि कुछ तरीके शिशुओं जैसे – शहद, चीनी, बुजुर्गों और स्वास्थ्य समस्याओं वाले अन्य लोगों के लिए उपयुक्त नहीं हैं।
क्या हिचकी गंभीर या चिंताजनक हो सकती है ?
हिचकी शायद ही कभी चिंता का कारण होती है, लेकिन अगर हिचकी बार-बार, पुरानी और लगातार (3 घंटे से अधिक समय तक चलने वाली) हो जाती है, अगर वह सोने के पैटर्न को प्रभावित करती है, खाने में बाधा डालती है, उल्टी का कारण बनती है, गंभीर पेट दर्द, बुखार, सांस की तकलीफ इत्यादि जैसी परेशानी देती हो तो डॉक्टर से परामर्श करें ।