मानसिक शक्ति को बढ़ाने के 10 शक्तिशाली तरीके

हम सभी को जीवन में कभी ना कभी तो विपरीत स्थितियों का सामना करना पड़ता है। हम सभी अपने रिश्तों में उतार-चढ़ाव का अनुभव करते हैं। हम सभी व्यक्तिगत संकटों का सामना करते हैं और निराशा को महसूस करते हैं। लेकिन कुछ लोग स्थितियां कैसी भी हो बिना घबराए बड़ी आसानी से उनका सामना करते हैं, क्यूंकि वे मानसिक रूप से दृढ़ हैं। हमारी मानसिक दृढ़ता यह निर्धारित करती है कि हम परिस्थितियों से कितनी अच्छी तरह निपटते हैं। ऐसे समय में हमें मानसिक रूप से मज़बूत होने की जरूरत होती है।

हमारा मानसिक स्वास्थ्य भी हमारे शारीरिक स्वास्थ्य जितना ही महत्वपूर्ण है, फिर भी हम अपनी मानसिक शक्ति को बढ़ाने की तुलना में  शारीरिक शक्ति को बेहतर बनाने में अधिक केंद्रित रहते है। 

यहाँ हम जानेंगे कि मानसिक शक्ति को कैसे बढ़ाया जाये ताकि हम हर स्थिति से निपटने के लिए बेहतर तरीके से तैयार हों। हमारी मानसिक दृढ़ता हमे अधिक लचीला, स्थिति को आसानी से अपनाने योग्य और भावनात्मक रूप से स्थिर बनाती है।

1. जिन चीज़ों को हम नियंत्रित कर सकते हैं उन पर ध्यान दें

सोचने में भी ऊर्जा लगती है। हमारे पास हर दिन एक समान ही ऊर्जा है। जो चीज़ें हमारे नियंत्रण में नहीं हैं, उनके बारे में चिंता करना और शिकायत करना ऊर्जा संसाधनों की बर्बादी है। यदि हम उस ऊर्जा को उन चीजों पर ध्यान केंद्रित करने में लगाते हैं जिन्हें हम नियंत्रित कर सकते हैं, तो हम अपने रास्ते में आने वाली हर चीज को संभालने के लिए खुद को तैयार करेंगे।

अपने नियंत्रण से बाहर की चीज़ों पर आप जो ध्यान देते हैं, उनके बारे में जागरूक रहें – जैसे दूसरे क्या कहते हैं या ऐसी परिस्थितियाँ जिन्हें हम ठीक नहीं कर सकते। अपनी ऊर्जा को उत्पादक चीजों पर लगाएं। स्वीकार करें कि हमारे नियंत्रण में सब कुछ नहीं होता।

2. मेडिटेशन करें

मेडिटेशन के लिए सचेत प्रयास की आवश्यकता होती है। ध्यान भटकने से रोकने के लिए खुद को प्रशिक्षित करें और अपनी आँखें बंद करके और केवल अपनी श्वास पर ध्यान केंद्रित करके अपने दिमाग को साफ़ करें। जब आप पहली बार शुरू करते हैं, तो ध्वनियों को अनदेखा करना और विचारों को दूर रखना मुश्किल होता है, लेकिन जितना अधिक आप इसे करते हैं, यह उतना ही आसान हो जाएगा, और आप अधिक सहज महसूस करेंगे। 

3. अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलें

यदि हम हमेशा अपने कम्फर्ट जोन में रहते हैं, तो हम अपने आप में  कभी सुधार नहीं देखेंगे। उदाहरण के लिए, यदि आप इंट्रोवर्ट हैं तो सार्वजनिक जगह पर बोलने जैसी चीजों में हिस्सा लें और अंततः उसमे जीतना, आपके आत्म-सम्मान को बढ़ावा देगा और आपको  नई चीजों के लिए  कोशिश करने में अधिक सहज बना देगा।

4. तुलना ना करें

मनुष्य की प्रवृत्ति दूसरों से तुलना करने की होती हैं। इस प्रवृत्ति का सबसे बुरा हिस्सा यह है कि हम आम तौर पर खुद की तुलना उन लोगों से करते हैं जो हमें लगता है कि हम से बेहतर स्थिति में हैं। ये तुलनाएं लाभ नहीं देती हैं। यह ईर्ष्या की भावनाओं को बढ़ाती है। जब कोई ऊँचे लक्ष्य तक पहुँचता है, तो यह आपकी उपलब्धियों को कम नहीं करता है।

5. नकारात्मक विचारों को रोकने का अभ्यास करें

कभी-कभी हमारे दिमाग में नकारात्मक विचार आते हैं। वे हमारी सारी ऊर्जा ख़त्म कर देते हैं , वे  हमें सिर्फ बुरा महसूस कराते है और नकारात्मक विचारों का एक चक्र बनता जाता है। अगली बार जब आप अपने आप को कुछ नकारात्मक सोचते हुए देखें, तो उस विचार को रोकने  का अभ्यास करें और इसे सकारात्मक के साथ बदलें। निरन्तर अभ्यास से आप खुद को पूरी तरह से अधिक सकारात्मक महसूस करते हुए देखेंगे।

6. आत्म-जागरूकता का अभ्यास 

हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक स्वयं की खामियों को देखने में सक्षम बनाना है। हम अक्सर अपनी कमियों को स्वीकार करना पसंद नहीं करते हैं, और इसके बजाय उन्हें नज़रअंदाज़ करने का विकल्प चुनते हैं। हम यह नहीं जानते  है कि हमारी खामियों को प्रतिबिंबित करने से हमें आगे बढ़ने का अवसर मिलता है। अपनी आदतों से अवगत रहें और अपनी खामियों से न डरें। यदि आप खुद को कुछ स्थितियों को ठीक तरीके से संभालते हुए नहीं पाते हैं, तो एक बेहतर विकल्प के साथ आएं और दोबारा ऐसी स्थितियां आने पर उनको संभालने के लिए सचेत प्रयास करें।

7. अपने सिद्धांतों और मूल्यों पर दृढ़ रहें

हमारे सिद्धांत और मूल्य जीवन में हमारे मार्गदर्शक हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि हम अपने द्वारा चुने गए मार्ग पर बने रहें। कई बार हम इसलिए निराश हो जाते हैं क्योंकि हमने महत्वहीन चीजों को हमें परेशान करने दिया। वे महत्वहीन चीजें हमारी प्राथमिकताओं की सूची में नहीं हैं, और हमें एहसास होता है कि हमने अधिकांश समय उन चीज़ों में बिता दिया। जो हमारे लिए महत्वपूर्ण है उसके अनुरूप अपने सिद्धांतों और मूल्यों का उपयोग करके अपनी मानसिक शक्ति में सुधार करें।

8. परिवर्तन को अपनाएं 

जीवन लगातार बदल रहा है। जब हम चीजों को उसी तरह करने में सहज रहने के लिए लड़ते हैं, तो हम बदलाव के साथ आने वाले अवसरों को खो देते हैं। बदलावों के साथ सहज होने का अभ्यास करें। जैसे-जैसे हम बदलाव के साथ सहज होते जाते हैं, वैसे-वैसे हमारी तालमेल बैठाने की क्षमता भविष्य में और अधिक अवसर लाने में हमारी मदद करेगी।

9. जिम्मेदारी लें

मानसिक दृढ़ता और लचीलेपन के लिए व्यक्तिगत जिम्मेदारी को एक हथियार के रूप अपनाने के लिए अनुशासित करें। जीवन में जो हो रहा है उसका कारण बनें ताकि आप परिणाम बदल सकें। हर चीज का अच्छा हिस्सा ढूंढे और उससे सीखें। किसी बुरी परिस्थिति के लिए दूसरों को दोष देना बंद करें।

10. दबाव में प्रदर्शन करें (Perform under pressure )

सभी दबाव में थोड़ा नर्वस हो जाते है। हमारा दिमाग दौड़ने लगता है और हम व्याकुल हो जाते हैं, और हम पाते हैं कि हम स्पष्ट रूप से नहीं सोच सकते हैं। हमे अपने आप को शांत रखना और ऐसी स्थिति में काम खत्म करना सिखाना है। इन परिस्थितियों से निपटने के लिए खुद को प्रशिक्षित करना है। इसके लिए हम कोई प्रतिस्पर्धी खेल या अपना कोई मनपसंद काम ले सकते हैं और उसे अंतिम-मिनट में कार्य को करने के लिए स्वयं को प्रशिक्षित कर सकते हैं। 

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About the Author: Kusum Kaushal

कुसुम कौशल ने उत्तराखंड में स्थित विश्वविद्यालय (हेमवती नंदन बहुगुणा यूनिवर्सिटी) से इकोनॉमिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। हिंदी उनकी मूल भाषा है।

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