अच्छी सेहत पाने के लिए क्या करें ?

हम सभी स्वस्थ्य जीवन चाहते हैं। अपनी रोज़ मर्रा की कुछ छोटी छोटी आदतों में सुधार लाकर हम स्वस्थ रह सकते हैं। जैसे की –

फलों का अधिकतम लाभ लेने के लिए उन्हें सुबह के वक़्त खाएं -फल स्वास्थ्य के लिए कितने लाभदायक होते हैं ,यह तो सभी जानते हैं लेकिन उनका अधिकतम फायदा लेने के लिए उन्हें सुबह के वक़्त खाना चाहिए लेकिन एक दम खाली पेट भी न खाएं। फलों में पाचन के लिए जरूरी एन्ज़ाइम्स होते हैं। यदि हम फलों को सुबह कहते हैं, तो वे बाद में लिए जाने वाले भोजन के पोषक तत्वों को एब्सॉर्ब करने में मदद करते हैं।
बदल बदलकर खाएं तेल– तेल में तीन तरह के फैट होते हैं पॉलीअनसैचुरेटिड,मोनोअनसैचुरेटिड और सैचुरेटिड। किसी तेल में कोई ज्यादा होता है तो किसी में कोई अन्य। हमारे शरीर के लिए तीनों की एक निश्चित मात्रा जरूरी होते है। इसलिए हमें तेलों को बदल बदलकर खाना चाहिए जिससे हमारे शरीर को तीनों जरूरी फैट मिलते रहते हैं और उनकी अधिकता भी नहीं होती ।
तलने के लिए इस्तेमाल किये गए तेल को दोबारा इस्तेमाल न करें
एक बार इस्तेमाल किये गए तेल को दोबारा इस्तेमाल न करें क्यूंकि ऐसा करने पर वह तेल ट्रांसफैट में बदल जाता है जो की हमारे दिल के लिए नुकसानदायक होता है। इसलिए घर पर तलने के लिए छोटी और गहरी कड़ाई का इस्तेमाल करें जिससे आप कम तेल में तल पाएंगे और तेल कम बचेगा।


दिनभर के भोजन को पांच -छह हिस्सों में बाटें-हममें से कई लोग दिन में केवल दो बार भोजन खाते हैं नाश्ता और रात को। लेकिन स्वास्थ्य के लिए बेहतर होगा की आप अपने दिनभर के भोजन को पांच से छह हिस्सों में बांटकर खाएं। जैसे की नाश्ता ,लंच और डिनर के अलावा दो से तीन बार छोटे छोटे मील भी लें इससे मेटाबोलिज्म बढ़ेगा और मोटापे से भी छुटकारा पाया जा सकता है।
चाय या कॉफ़ी में शक्कर न के बराबर डालें -हम में से कई लोग दिन में कई बार चाय या कॉफ़ी का सेवन करते है और इनके माध्यम से उतनी बार ही हमारे शरीर में शक्कर जाती है और ये शक्कर ही मोटापे का मुख्य कारण होती है और अगर हम कम शक्कर पीने की आदत को अपना ले तो इस समस्या से निजात पा सकते हैं।
पर्याप्त पानी पियें -स्वस्थ्य रहने के लिए 6-8 गिलास पानी पियें क्यूंकि पानी हमारे शरीर का तापमान सामान्य रखता है ,हमारी रीढ़ की हड्डी और अन्य संवेदनशील टिश्शूस की रक्षा करता है ,शरीर से मल,मूत्र ,पसीने इत्यादि के माध्यम से कचरा बाहर निकलता है।

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About the Author: Kusum Kaushal

कुसुम कौशल ने उत्तराखंड में स्थित विश्वविद्यालय (हेमवती नंदन बहुगुणा यूनिवर्सिटी) से इकोनॉमिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। हिंदी उनकी मूल भाषा है।

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