हल्दी
यह त्वचा ,लिवर,खून से जुड़ी समस्याओं और शरीर में ट्यूमर बनने से रोकती है। करक्यूमिन नाम का एल्कलाइन हल्दी का सबसे प्रभावी औषधीय तत्व है। जिससे यह अस्थमा ,साइनोसाइटिस और खांसी से बचाव करती है। यह मेटाबॉलिज़्म को ठीक करती है और शरीर में जमा फैट को भी कम करती है।
पुनर्नवा
यह औषधि शरीर को फिर से नया कर देती है। यह किडनी और लिवर के रोगों से बचता है ।यह एनीमिया को भी ठीक करता है और पथरी को निकालने में भी मददगार है।
दालचीनी
इसके नियमित प्रयोग से जोड़ों के दर्द में फायदा मिलता है। यह खून को शुद्ध करती है इसलिए मुहासों की समस्या को भी दूर करती है। मेटाबोलिज्म को बढ़ाती है और मोटापे को भी कम करती है।
अश्वगंधा
यह थयरॉइड की समस्या से बचाता है। इसमें मौजूद एंटी स्ट्रेस तत्व तनावमुक्त रखने में मदद करता है ।अश्वगंधा महिलाओं में हार्मोन्स के स्राव को नियमित करता है जिससे माहवारी के दौरान होने वाली समस्याओं में उपयोगी है ।
ब्राह्मी
इसके सेवन से मस्तिष्क में सेरोटोनिन का स्तर बढ़ता है जिससे मन शांत रहता है। इसके नियमित इस्तेमाल से हृदय से सम्बंधित समस्याओं से बचा जा सकता है ।
तुलसी
यह बहुत ही बढ़िया एंटीऑक्सीडेंट है इसलिए यह बुढ़ापे की प्रक्रिया को धीमा करती है। यह ब्लड के पी एच को एसिडिक नहीं होने देती जिससे ब्लॉकेज नहीं होता और हृदय स्वस्थ्य रहता है ।
गिलोय
यह शरीर की सफाई करके लिवर और किडनी के कार्य को सुचारु बनती है ,यह ब्लड में यूरिक एसिड बढ़ने नहीं देती इसलिए गाउट के लिए भी लाभदायक है। यह प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाती है इसलिए डेंगू के बचाव में बहुत उपयोगी है ।