कैल्शियम हमारे दांतों और हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। शरीर का लगभग 99% कैल्शियम दांतों और हड्डियों में जमा होता है। यह हृदय और शरीर की मांसपेशियों के सही ढंग से कार्य करने के लिए भी आवश्यक है। हड्डियों में कैल्शियम की हल्की कमी को ऑस्टियोपीनिया कहा जाता है और गंभीर होने पर ऑस्टियोपोरोसिस होता है। यदि कैल्शियम की कमी लंबे समय तक बनी रहती है तो हड्डियों को स्थायी नुकसान पहुंचा सकती है।
ज्यादातर लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि शरीर में पर्याप्त कैल्शियम नहीं होने पर कैसा महसूस होता है। कैल्शियम दिल की धड़कन और दिमाग को ठीक से काम करने के लिए इतना महत्वपूर्ण है कि जब हम इसे आहार से पर्याप्त मात्रा में नहीं लेते है, तो शरीर इसे हमारी हड्डियों से लेता है। बच्चों को पर्याप्त कैल्शियम ना मिलने पर, वे अपनी पूरी संभावित ऊंचाई नहीं ले पाते हैं।
यदि हाइपोकैल्सीमिया का इलाज ना किया जाये तो यह खतरनाक हो सकता है, इसलिए यहाँ बताये गए यदि किसी भी लक्षण का अनुभव कर रहे हैं, तो तुरंत चिकित्सकीय सहायता लें और डॉक्टर द्वारा परीक्षण कराएं।
शरीर में कैल्शियम की कमी के लक्षण
1. थकान और कमजोरी
कैल्शियम की कमी थकान और कमजोरी का कारण बन सकती है। जिसमें ऊर्जा की कमी और सुस्ती हो सकती है। इससे नींद ना आने की समस्या भी हो सकती है। कैल्शियम की कमी से जुड़ी थकान में चक्कर आना, फोकस की कमी, भूलने की बीमारी और भ्रम भी शामिल है।
2. मांसपेशियों में ऐंठन
कैल्शियम की कमी का मुख्य लक्षण मांसपेशियों में ऐंठन है। कैल्शियम मांसपेशियों को सिकोड़ने और ढीला करने में मदद करता है। कैल्शियम की कमी होने पर मांसपेशियां सामान्य रूप से अपने काम को नहीं कर सकती हैं। इससे दर्द, ऐंठन और मांसपेशियों में कमजोरी हो सकती है।
3. हाथों पैरों का सुन्न होना और झनझनाहट
कैल्शियम की कमी का एक और मुख्य लक्षण हाथ-पैरों में झनझनाहट और सुन्न होना है। शरीर के प्रत्येक तंत्रिका सेल को कैल्शियम की आवश्यकता होती है। जब कैल्शियम बहुत कम हो जाता है, तो तंत्रिका सेल्स संकेत देते हैं।
4. ऑस्टियोपीनिया और ऑस्टियोपोरोसिस
ऑस्टियोपोरोसिस या हड्डियों का कमजोर होना कैल्शियम की कमी का लक्षण माना जाता है। ऑस्टियोपीनिया ऑस्टियोपोरोसिस का हल्का रूप है। जब रक्त में कैल्शियम का स्तर कम होता है, तो शरीर को इसकी भरपाई के लिए हड्डियों से लेना पड़ता है। अधिक समय तक कैल्शियम की कमी से हड्डियाँ अत्यधिक कमजोर हो जाती हैं और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ सकता है।
5. अनियमित दिल की धड़कन
अनियमित दिल की धड़कन हाइपोकैल्सीमिया का एक विशिष्ट लक्षण है और गंभीर होने पर जीवन के लिए खतरा हो सकता है। यह अक्सर कई असामान्यताओं का कारण बनता है। कैल्शियम की कमी हृदय के कार्य को बाधित कर सकती है, क्योंकि हृदय एक मांसपेशी है। यदि हृदय के सेल्स को पर्याप्त कैल्शियम नहीं मिलता है, तो वे काम करना बंद कर देती हैं। यह सामान्य दिल की धड़कन को बाधित कर सकती है, हृदय की मांसपेशियों में ऐंठन पैदा कर सकती है और धमनियों को सिकोड़ सकती है।
6. प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस)
महिलाओं में प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस) बेहद आम है और इसके कई कारण हैं। विटामिन डी और कैल्शियम का निम्न स्तर इसे बढ़ा सकते हैं।
7. रूखी – सूखी त्वचा
कैल्शियम की कमी से त्वचा सूखी या पपड़ीदार हो सकती है। यह त्वचा से पानी की अत्यधिक हानि को रोकता है। जब कैल्शियम का रक्त स्तर बहुत कम हो जाता है, तो त्वचा नमी और स्वस्थ पीएच को बनाए नहीं रख सकती है।
8. भ्रम और याददाश्त का कमजोर होना
भ्रम और याददाश्त कमजोर होना भी हाइपोकैल्सीमिया के लक्षण हो सकते हैं। नर्व और मस्तिष्क के सेल्स कैल्शियम पर निर्भर करती हैं। नर्व सेल्स में जाने वाला कैल्शियम न्यूरोट्रांसमीटर को निकलने में मदद करता है। कैल्शियम की कमी से संज्ञानात्मक कार्य (cognitive function)काफी कम हो सकता है।
9. दांतों की सड़न और मसूड़ों की बीमारी
यह बात सभी जानते हैं कि कैल्शियम दांतों को मजबूत रखता है। भोजन, पेय और मुंह के बैक्टीरिया सभी दांतों में मिनरल्स को खराब कर सकते हैं। दांतों में मिनरल्स की हानि को रोकने के लिए पर्याप्त कैल्शियम का स्तर जरूरी है। अध्ययनों से पता चलता है कि कैल्शियम की कमी मसूड़ों की बीमारी का कारण बन सकती है।
10. सूखा रोग (रिकेट्स)
कैल्शियम और विटामिन डी की कमी से बच्चों में रिकेट्स हो सकता है। हड्डियां कमजोर और नाज़ुक हो जाती हैं, हड्डियों में विकृति भी संभव है।
11. कमजोर और नाज़ुक नाखून -शरीर में कैल्शियम की कमी से नाख़ून कमजोर हो जाते हैं और बहुत जल्दी टूट जातें हैं।
कैल्शियम के कुछ मुख्य स्रोत
डेयरी उत्पाद – दूध, दही और पनीर जैसे डेयरी उत्पाद कैल्शियम से भरपूर होते हैं। दूध कैल्शियम के सर्वोत्तम स्रोतों में से एक है। बकरी का दूध कैल्शियम का उत्कृष्ट स्रोत है, जो प्रति कप लगभग 327 मिलीग्राम कैल्शियम प्रदान करता है।
सोयाबीन – सोयाबीन कैल्शियम का अच्छा स्रोत है। जो लोग वीगन डाइट का पालन करते हैं उनके लिए सोयाबीन कैल्शियम का एक उत्कृष्ट स्रोत है।
गहरी हरी पत्तेदार सब्जियां – गहरी हरे रंग की पत्तेदार सब्जियां भी कैल्शियम का अच्छा स्रोत्र हैं।
अंजीर – सूखे या ताजे अंजीर कैल्शियम प्रदान करते हैं।
पपीता और संतरा – पपीता और संतरा कैल्शियम से भरपूर फल हैं।
बादाम – नट्स में बादाम कैल्शियम का सबसे अच्छा स्रोत्र हैं। बादाम फाइबर, हैल्दी फैट और प्रोटीन भी प्रदान करते हैं। इसके अलावा ये मैग्नीशियम, मैंगनीज और विटामिन ई का एक उत्कृष्ट स्रोत हैं।