हल्दी आमतौर पर एशियाई भोजन में उपयोग किया जाता है। इसमें कड़वा स्वाद होता है। हल्दी की जड़ का उपयोग दवा बनाने के लिए व्यापक रूप से किया जाता है। इसमें करक्यूमिन नामक एक पीले रंग का रसायन होता है, जिसका उपयोग अक्सर खाद्य पदार्थों में रंग लाने के लिए और सौंदर्य प्रसाधनों में किया जाता है।
हल्दी में बहुत से औषधीय गुण हैं इसका सबसे बड़ा गुण है इन्सुलिन रेसिस्टेन्स की स्थिति को नियंत्रित रखना। जब कोशिकाएं इन्सुलिन नामक हार्मोन पर सही तरीके से प्रतिक्रिया नहीं कर पाती जो डॉयबिटीज़ का खतरा बढ़ाने के साथ साथ मोटापा बढ़ाने का भी कारण बनती है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन नामक तत्व न केवल इन्सुलिन रेसिस्टेन्स की स्थिति को रोकता है, बल्कि कैंसर जैसी बीमारी के खतरे को भी कम करता है। हल्दी मेटाबॉलिज़्म में भी सुधार करती है, जिससे वज़न को नियंत्रित करने में मदद मिलती है ।
हल्दी के पोषक मूल्य
एक बड़े चम्मच हल्दी पाउडर में –
कैलोरी – 29
प्रोटीन – 0.91 ग्राम
फैट – 0.31 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट – 6.31 ग्राम
फाइबर – 2.1 ग्राम
1-tbsp प्रदान करता है:
दैनिक मैंगनीज का – 26 प्रतिशत
दैनिक आयरन का – 16 प्रतिशत
दैनिक पोटेशियम का – 5 प्रतिशत
दैनिक विटामिन सी का -3 प्रतिशत
हल्दी के कुछ लाभ
1. हल्दी इम्युनिटी बढ़ाती है – इसमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-फंगल एजेंट प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करने में मदद करते है। रोजाना एक गिलास गर्म हल्दी वाला दूध लें सकते हैं। यह फ्लू होने की संभावना को कम करता है।
2. ऑक्सीडेटिव क्षति को कम करती है – शरीर में फ्री रेडिकल्स को ऑक्सीडेटिव क्षति का कारण माना जाता है ,जो हमारे प्रतिरक्षा कार्य (immune function ) को प्रभावित कर सकते हैं। ये तेज़ी से प्रतिक्रिया करने वाले मॉलिक्यूल्स भी जल्दी बुढ़ापे का कारण बनते हैं। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं ,जो फ्री रेडिकल्स को बेअसर कर सकते हैं, और अधिक नुकसान से बचने के लिए शरीर के एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम को भी उत्तेजित (stimulate ) कर सकते हैं।
3. ब्लड वेसल्स के कार्य को बेहतर बनती है – डब्ल्यूएचओ के अनुसार, हृदय रोग दुनिया भर में मौत का नंबर 1 कारण है। अपने दैनिक आहार में हल्दी को शामिल करने से उनकी शुरुआत को रोका जा सकता है। करक्यूमिन हमारी रक्त वाहिकाओं (blood vessel ) (एंडोथेलियम) के लाइनिंग के कार्य को बेहतर बनाता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित कर सकता है। विशेष रूप से, एंडोथेलियल डिसफंक्शन से रक्त का थक्का और उच्च रक्तचाप हो सकता है। हल्दी दिल की बीमारियों के अन्य जोखिम कारकों को भी कम करती है।
4. याददाश्त को बढ़ाती है – न्यूरॉन्स की संख्या को बढ़ाया जा सकता है। यह ब्रेन -डीराइवड न्यूरोट्रॉफिकफैक्टर (BDNF) नामक एक प्रकार के विकास हार्मोन के कारण संभव हो जाता है। इस हार्मोन का कम स्तर विशेष रूप से, अल्जाइमर और अवसाद का कारण बन सकता है। करक्यूमिन मस्तिष्क में इसके स्तर को बढ़ा सकता है,और आयु बढ़ने के साथ होने वाली मस्तिष्क क्षति को कम कर सकता है। अपने दैनिक आहार में हल्दी को शामिल करके याददाश्त में सुधार किया जा सकता है।
5. पाचन में सहायक – पाचन समस्या होने पर कच्ची हल्दी का सेवन करने से फ़ायदा होता है। इसके प्रमुख components पित्ताशय की थैली को तुरंत पित्त का उत्पादन करने के लिए उत्तेजित करते हैं, और पाचन तंत्र को अधिक कुशल बनाते हैं। यह सूजन और गैस के लक्षणों को कम करने के लिए भी जानी है।
6. हल्दी लीवर को डेटॉक्स करने में मदद करती है – हल्दी को महत्वपूर्ण एंजाइमों को बनाने और बढ़ाने के लिए जाना जाता है ,जो हमारे लिवर में मौजूद रक्त को डिटॉक्स करके विषाक्त पदार्थों को कम करते हैं। हल्दी ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करके, लिवर के स्वास्थ्य को बेहतर रखने में सहायक है।
7. हल्दी में घाव को भरने के (हीलिंग) गुण होते हैं – किसी भी कट, जलन या संक्रमण के इलाज के लिए हल्दी का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके प्राकृतिक एंटीसेप्टिक और एंटी-बैक्टीरियल गुण इसे एक प्रभावी कीटाणुनाशक बनाते हैं। घाव को जल्दी ठीक करने के लिए प्रभावित क्षेत्र पर हल्दी पाउडर छिड़क सकते है।
8. हल्दी आर्थराइटिस दर्द में राहत प्रदान करती है – हल्दी के एंटी -इंफ्लेमेटरी गुण पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस और रहूमटॉइड के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एंटीऑक्सिडेंट शरीर में फ्री रेडिकल्स को भी नष्ट करता है,जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। दर्द से पीड़ित व्यक्ति को दर्द और सूजन से राहत पाने के लिए दैनिक आधार पर इसका प्रयोग करना चाहिए।
दुष्प्रभाव
- हालाँकि हल्दी को आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है, वहीं कुछ चिंता यह भी है कि हल्दी की उच्च खुराक लेने से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं, जैसे मतली, चक्कर आना और दस्त हो सकती है।
- इसके अलावा,अधिक मात्रा में हल्दी का उपयोग पित्ताशय की थैली की समस्याओं, मधुमेह वाले लोगों में रक्त शर्करा के स्तर को ज्यादा नीचे ला सकता है।
- यदि आप रक्त पतला करने वाली दवा का सेवन करते हैं, तो हल्दी लेने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें। यदि आप सर्जरी कराने जा रहे हैं या सर्जरी हुई है, तो हल्दी की खुराक का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करना भी महत्वपूर्ण है।
हल्दी का सेवन कैसे करें
हल्दी के सेवन से वज़न को नियंत्रित किया जा सकता है। कुछ आसान तरीकों से इसे अपनी डाइट में शामिल किया जा सकता है ।
1. हल्दी की चाय
एक कप पानी को उबाल लीजिये फिर इसमें आधा चम्मच हल्दी का डालें स्वाद के लिए आप इसमें एक चम्मच शहद का भी डाल सकते हैं। यह चाय न केवल वज़न को नियंत्रित करती है, बल्कि कई बीमारियों से भी बचाती है ।
2.दूध के साथ
यह बहुत ही आसान तरीका है और साथ साथ बहुत प्रभावी भी है। एक गिलास दूध को धीमी आंच पर गरम करें और उसमें एक चौथाई चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर सुबह के समय या रात को सोने से पहले लिया जा सकता है।
3.सूप में डालकर
किसी भी वेजिटेबल सूप जो आपको पसंद है, एक बाउल सूप में आधा चम्मच हल्दी का डालकर पी सकते हैं।
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