प्रोबायोटिक फूड क्या होते हैं – इसके स्रोत्र और लाभ

प्रोबायोटिक्स ऐसे खाद्य पदार्थ हैं, जो गुड जीवित बैक्टीरिया या यीस्ट से बने होते हैं जो स्वाभाविक रूप से मानव शरीर में रहते हैं। प्रोबायोटिक्स हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं, खासकर पाचन तंत्र के लिए। मानव शरीर में अच्छे और बुरे बैक्टीरिया दोनों होते है। जब भी किसी को इंफेक्शन होता है, तो वह शरीर में बुरे बैक्टीरिया के ज्यादा होने के कारण होता है।

प्रोबायोटिक्स कैसे काम करते है?

जब हमारे शरीर में किसी वजह से गुड बैक्टीरिया कम हो जाते हैं, जैसे की एंटीबायोटिक्स लेने के बाद, प्रोबायोटिक्स उन्हें ठीक करने में मदद करते हैं।

वे अच्छे और बुरे बैक्टीरिया को संतुलित करने में मदद करते हैं, ताकि शरीर ठीक तरीके से काम कर सके ।

प्रोबायोटिक्स किससे बने होते हैं

ये लाभदायक बैक्टीरिया और यीस्ट का एक संयोजन (combination ) हैं, जो स्वाभाविक रूप से मानव शरीर में रहते हैं। बैक्टीरिया हमेशा शरीर के लिए नुकसानदायक नहीं होते है, यह लाभदायक भी होते है।

प्रोबायोटिक्स बैक्टीरिया और हमारे शरीर से संबंधित एक बड़ी तस्वीर का हिस्सा हैं जिसे माइक्रोबायोम कहा जाता है। ये माइक्रोब्स संयोजन  (combination ) है –

  1. बेक्टीरिया   
  2. फंगी  (खमीर सहित)
  3. वायरस
  4. प्रोटोजोआ

 प्रोबायोटिक्स युक्त खाद्य पदार्थ 

1. दही

2. छाछ

3. पनीर

4. सोया आधारित उत्पाद, जैसे मिसो, टेम्पेह, और कुछ सोया पेय पदार्थ

5. किमची

6. सूप

7. न्यूट्रिशन  बार्स 

8. कुछ प्रकार के अनाज जैसे दलिया इत्यादि 

9. अचार

प्रोबायोटिक्स के लाभ

कब्ज की समस्या के लिए प्रोबायोटिक्स 

कब्ज की समस्या को आमतौर पर प्रोबायोटिक्स से दूर किया जा सकता है। जब कब्ज आमतौर पर आंतों के कार्य में असंतुलन का परिणाम होता है, तो प्रोबायोटिक असंतुलन को ठीक करने में मदद करते है। प्रोबायोटिक भोजन को ठीक से पचाने की क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं। 

दस्त की समस्या के लिए प्रोबायोटिक्स 

प्रोबायोटिक्स दस्त को ठीक करने में सहायक हैं। यहां वे दोहरी भूमिका निभाते हैं, पहली प्रोबायोटिक यह सुनिश्चित करने में मदद करते है कि आंत स्वस्थ और संतुलित रहे। दूसरा, दस्त के कारण आंत के माइक्रोबायोम कम हो सकते है, जिससे रिकवरी धीमी हो जाती है। लैक्टोबैसिलस एसिडोफिलस और लैक्टोबैसिलस प्लांटारम को दस्त से राहत दिलाने में मदद करने के लिए उपयोगी माना जाता है। 

पेट में गैस और ब्लोटिंग के लिए प्रोबायोटिक्स

खाद्य पदार्थों के ठीक से ना पचने के कारण अक्सर पेट में गैस हो जाती है, और कई बैक्टीरिया की ज्यादा वृद्धि या छोटी आंत में बैक्टीरिया के प्रकार में बदलाव के कारण भी हो सकती है। ये बैक्टीरिया अधिक गैस पैदा कर सकते हैं। प्रोबायोटिक्स अच्छे बैक्टीरिया के स्वस्थ संतुलन को बढ़ावा देकर आंतों के स्वास्थ्य में सुधार करते हैं। इस तरह यह गैस पैदा करने वाले हानिकारक बैक्टीरिया को कम करते है। रिसर्च बताती हैं की लैक्टोबैसिलस एसिडोफिलिस और बिफीडोबैक्टीरियम लैक्टिस आंतों के स्वास्थ्य और पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। 

प्रोबायोटिक्स इम्यून सिस्टम को सपोर्ट करते हैं     

पाचन तंत्र की कार्यप्रणाली और प्रतिरक्षा प्रणाली ( immune system) एक दूसरे के साथ जुड़े हुए है। प्रोबायोटिक्स प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि प्रोबायोटिक आंतों के सामान्यीकरण को बढ़ावा देकर, प्रतिरक्षा संबंधी बाधा में सुधार और आंतों की सूजन प्रतिक्रियाओं को कम करके प्राकृतिक प्रतिरक्षा कार्य को बढ़ाते है।

प्रोबायोटिक्स और लैक्टोज इनटॉलेरेंस 

प्रोबायोटिक्स लैक्टोज असहिष्णुता वाले लोगों के लिए भी मददगार है, यह उनके लक्षणों को दूर करने में मदद करते है। लैक्टोबैसिलस एसिडोफिलस गैस्ट्रो इंटेस्टिनल ट्रैक्ट में लैक्टोज-पाचन एंजाइम, लैक्टेज के स्तर को बढ़ाने में मदद करते है। पेट में ऐंठन, पेट फूलना और दस्त लैक्टोज असहिष्णुता वाले लोगों की परेशानी का कारण बनते हैं, जिससे उन्हें प्रतिबंधित आहार लेना पड़ता है। लैक्टोज इनटॉलेरेंस का कोई इलाज नहीं है, लेकिन लैक्टोज के प्रति व्यक्तियों की सहनशीलता में सुधार के लिए कुछ सहायता उपलब्ध हैं। लैक्टोज असहिष्णुता वाले लोगों को लैक्टोज को बेहतर ढंग से पचाने में मदद करने के लिए प्रोबायोटिक्स लेने की सलाह दी जाती है।

प्रोबायोटिक्स कुछ मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों में सुधार करते है

कई अध्ययनों ने आंत के स्वास्थ्य को मनोदशा और मानसिक स्वास्थ्य से जोड़ा है। रिसर्च के अनुसार प्रोबायोटिक कुछ प्रकार के मानसिक स्वास्थ्य विकारों में सुधार कर सकते है। यह चिंता, अवसाद, आटिज्म और स्मृति में सुधार कर सकते हैं।

कुछ प्रोबायोटिक दिल को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं

प्रोबायोटिक्स एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) और रक्तचाप को कम करके दिल को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। नियमित रूप से प्रोबायोटिक दही खाने से एलडीएल कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद मिलती है।

संक्रमण से रक्षा 

परीक्षणों में, वैज्ञानिकों ने पाया है कि प्रोबायोटिक बैक्टीरिया लैक्टोबैसिलस पैरासेसी का एक विशिष्ट रूप लिस्टेरिया, हानिकारक बैक्टीरिया द्वारा संक्रमण से आंत की रक्षा कर सकता है। प्रोबायोटिक्स लिस्टेरिया संक्रमण के इलाज और रोकथाम में मदद करते हैं।

Recommended For You

About the Author: Kusum Kaushal

कुसुम कौशल ने उत्तराखंड में स्थित विश्वविद्यालय (हेमवती नंदन बहुगुणा यूनिवर्सिटी) से इकोनॉमिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। हिंदी उनकी मूल भाषा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »
Table of Content