फोबिया क्या है
फोबिया एक प्रकार का चिंता विकार है जिसमें किसी निश्चित वस्तु, स्थिति, गतिविधि या वातावरण से निरंतर भय शामिल होता है। हम सभी डर का अनुभव करते हैं, फोबिया बहुत अधिक गंभीर होते हैं। फ़ोबिया उन वस्तुओं या स्थितियों का तर्कहीन डर है, जिनसे बहुत कम या कोई ख़तरा नहीं होता है, लेकिन यह बहुत चिंतित करती हैं। इसलिए फोबिया से पीड़ित व्यक्ति इन चीज़ों से दूर रहने की कोशिश करते हैं। भाषण देते समय या परीक्षा देते समय थोड़ी सी चिंता सभी हो सकती है, लेकिन सामान्य भय के विपरीत, फ़ोबिया लंबे समय तक चलने वाले होते हैं। उपचार ना किये जाने पर यह फ़ोबिया जीवन भर बना रहता है।
फोबिया से पीड़ित व्यक्ति अपने डर के स्रोत से बचने के लिए बहुत अधिक प्रयास करते है या जब उसे किसी चीज से डर लगता है तो वह अत्यधिक परेशान हो जाते है। यह उनके जीवन के कई पहलुओं को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है, रिश्तों से लेकर सामाजिक स्थितियों, स्कूल और काम में भी। फोबिया के कारण शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से कई प्रतिक्रियाएँ होती हैं। जो आपके काम या सामाजिक स्थितियों में आपके व्यवहार को भी प्रभावित करती हैं।
सभी फ़ोबिया का इलाज करने की ज़रूरत नहीं होती। लेकिन अगर यह फ़ोबिया आपके रोज़मर्रा के जीवन को प्रभावित करता है, तो उसे दूर करने में मदद करने के लिए दी जाने वाली थेरेपी अवश्य लेनी चाहिए।
फ़ोबिया(phobia)के प्रकार
फ़ोबिया के तीन मुख्य प्रकार हैं -सामाजिक चिंता विकार, एगोराफ़ोबिया और विशिष्ट फ़ोबिया। पहले दो को पहले जटिल फ़ोबिया के रूप में जाना जाता था और उन्हें ज़्यादा गंभीर माना जाता है। विशिष्ट फ़ोबिया को कभी-कभी साधारण फ़ोबिया भी कहा जाता है।
सामाजिक चिंता विकार
सामाजिक चिंता विकार को सामाजिक भय के रूप में भी जाना जाता है, इसमें सामाजिक स्थितियों का अत्यधिक डर शामिल होता है।
इस प्रकार के फोबिया से ग्रस्त लोग अक्सर सामाजिक समारोहों या आयोजनों से बचने की पूरी कोशिश करते हैं, उन्हें असहजता महसूस होती है। वे अक्सर पार्टियों, कार्य आयोजनों, सार्वजनिक भाषण देने या अजनबियों के साथ छोटी-छोटी बातें करने से बचते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि उन्हें किस स्थिति में सबसे अधिक डर और असुविधा महसूस होती है। यहाँ तक की कुछ लोग सार्वजनिक स्थानों पर रेस्तरां में खाने या खरीदारी करने से भी बचते हैं।
एगोराफोबिया
यह एक ऐसा फोबिया जिसमे अनजान या खुली जगहों पर जाने से तीव्र भय होता है। एगोराफोबिया से पीड़ित लोग विशेष रूप से उन स्थितियों से डरते हैं जिनमें वे फंस सकते हैं या उन स्थितियों से बच निकलना मुश्किल हो सकता है, जैसे कि सार्वजनिक परिवहन, लाइनें या भीड़भाड़ वाले इलाके। समस्या गंभीर होने पर इस फोबिया से पीड़ित लोग अकेले घर से बाहर निकलने से भी बचते हैं।
विशिष्ट फोबिया
विशिष्ट फोबिया या साधारण भय, किसी निश्चित वस्तु, जानवर, व्यक्ति या स्थिति का लगातार भय है जो अत्यधिक परेशानी का कारण बनता है।
विशिष्ट भय के पाँच उपप्रकार हैं, जिनमें शामिल हैं –
1.जानवरों से
2.प्राकृतिक पर्यावरण से
3.रक्त-इंजेक्शन-चोट से
4.स्थितिजन्य प्रकार
5.अन्य प्रकार
जानवरों से होने वाले डर में जानवरों और कीड़ों मकोड़ों से बहुत ज़्यादा डर लगता है। आम जानवरों से होने वाले डर में ये शामिल हैं। जैसे –
- अरक्नोफ़ोबिया – मकड़ियों से डर
- चिरोप्टोफ़ोबिया – चमगादड़ों से डर
- सिनोफ़ोबिया – कुत्तों से डर
- ओफ़िडियोफ़ोबिया – साँपों से डर
- ज़ू फ़ोबिया – जानवरों से डर
प्राकृतिक पर्यावरण से डर -इस फोबिया से पीड़ित लोग प्रकृति के कुछ खास पहलुओं से डरते हैं, जैसे प्राकृतिक आपदाएँ, प्राकृतिक पर्यावरण से डरने के उदाहरणों में शामिल हैं –
- एक्रोफोबिया – ऊँचाई से डर
- एक्वाफोबिया या हाइड्रो फोबिया – पानी से डर
- एस्ट्राफोबिया – गरज के साथ बारिश से डर
- थैलासोफोबिया – समुद्र से डर
खून, इंजेक्शन, चोट से डर – इस फ़ोबिया का मतलब चिकित्सा समस्याओं या प्रक्रियाओं के होने या देखने के डर से है। इसके कुछ उदाहरण हैं –
- हीमोफ़ोबिया – रक्त का डर
- टोमोफ़ोबिया – सर्जरी का डर
- नोसोकोमोफ़ोबिया – अस्पताल का डर
- ट्रिपैनोफ़ोबिया – सुइयों का डर
स्थितिजन्य फ़ोबिया में कुछ जगहों, परिवेश और परिस्थितियों से डरना शामिल है। स्थितिजन्य प्रकार के फ़ोबिया में शामिल हैं –
- एरोफ़ोबिया – उड़ने से डर
- एमैक्सोफ़ोबिया – गाड़ी चलाने का डर
- क्लॉस्ट्रोफ़ोबिया – बंद जगहों का डर
- एस्कलाफ़ोबिया – एस्केलेटर का डर
इनके अतिरिक्त अन्य फ़ोबिया भी हैं जो ऊपर दी गई किसी भी श्रेणी में नहीं आते। जैसे –
- कोलोफोबिया – जोकरों से डर
- कोरोफोबिया – नाचने से डर
- फोनोफोबिया – तेज़ आवाज़ों से डर
- थानाटोफोबिया – मृत्यु या मरने का डर
- इमेटोफोबिया – उल्टी का डर
- ऑटोफोबिया – अकेले रहने का डर
ये फ़ोबिया के प्रकारों की विस्तृत सूची नहीं हैं इनके आलावा भी कई अन्य प्रकार के विशिष्ट फ़ोबिया हैं जो किसी को हो सकते हैं।
फोबिया (phobia) के लक्षण
फोबिया से पीड़ित लोगों में परेशानी, चिंता या घबराहट महसूस होती है। इनमें पाए जाने वाले कुछ लक्षण हैं –
1.अत्यधिक भय महसूस होना
2.अत्यधिक पसीना आना
3.हृदय गति तेज़ होना
4.सांस फूलना
5.कंपकपाहट महसूस होना
6.भागने की इच्छा
7.संतुलन और समन्वय में कठिनाई
8.मांसपेशियों में कमज़ोरी
डर का यह पैटर्न रोज़मर्रा की ज़िंदगी में कई तरह की परेशानियाँ पैदा करता है। उदाहरण के लिए, ट्रिपैनोफ़ोबिया से पीड़ित व्यक्ति सुइयों से अत्यधिक डर के कारण आवश्यक चिकित्सा देखभाल से भी बचता है।
फोबिया(phobia)के कारण
यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि लोगों में फ़ोबिया होने के क्या कारण है। शोधकर्ताओं ने कुछ संभावित कारकों के बारे में बताया है।
आनुवंशिक – आनुवंशिक कारक किसी विशिष्ट भय जैसे एगोराफोबिया या सामाजिक चिंता विकार के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। कुछ अध्ययन बताते हैं कि कुछ फोबिया परिवारों में पारित (pass) होते हैं।
परवरिश – पालन-पोषण के दौरान और बचपन में सीखी गई प्रतिक्रियाएं, भय के विकास में योगदान दे सकती हैं।
बुरे अनुभव – पहले के नकारात्मक अनुभव और आघात भी फोबिया का कारण बन सकते हैं। उदाहरण के लिए, किसी व्यक्ति को कभी कुत्ते ने काट लिया हो तो उसे कुत्तों से बहुत डर लग सकता है।
व्यक्तित्व लक्षण – शोध बतातें है कि कुछ प्रकार का व्यक्तित्व, जैसे कि न्यूरोटिसिज्म और परफेक्शन, फोबिया विकसित करने के लिए अधिक प्रवण बना सकता है।
कुछ मानसिक स्वास्थ्य स्थितियाँ– फोबिया से पीड़ित कई लोगों में अवसाद और मनोदशा संबंधी विकार जैसी अन्य मानसिक स्वास्थ्य स्थितियाँ भी देखी गई हैं।
पूर्व में दुर्व्यवहार का अनुभव – फोबिया से पीड़ित लोगों में दुर्व्यवहार और घरेलू हिंसा सहित अन्य प्रकार के आघात का अनुभव करने या देखने की संभावना काफी अधिक होती है।
नशीले पदार्थों का सेवन – अध्ययनों से पता चलता है कि अत्यधिक नशीली दवाओं और शराब का सेवन फोबिया के साथ-साथ अन्य चिंता विकारों का कारण भी बन सकता है।
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