एंटी-इंफ्लेमेटरी फ़ूड – बढ़ती उम्र में स्वस्थ्य रखे

कई वर्षों तक की गई रिसर्च में पाया गया है, की जो लोग अधिक प्रो-इंफ्लेमेटरी डाइट लेते हैं, उनमें दिल की बीमारी और स्ट्रोक का जोखिम एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट लेने वालों की तुलना में अधिक होता है। 

एंटी -इंफ्लेमेटरी आहार अच्छे स्वास्थ्य में सहायक होते है और आजकल सबसे चर्चित आहारों में से एक है, लेकिन सबसे पहले हम समझते हैं कि सूजन ( inflammation ) क्या है। जब हम “सूजन” शब्द सुनते हैं, तो हम तुरंत उस सूजन या लालिमा के बारे में सोचते हैं, जो हमें चोट लगने पर आती है। वे निश्चित रूप से सूजन के बाहरी संकेत हैं, लेकिन यह इसके अतिरिक्त कुछ और भी है।

सूजन स्वाभाविक रूप से शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया (immune response ) का हिस्सा है। जब आपका शरीर किसी इन्फेक्शन या चोट से लड़ रहा होता है, तो यह बचावकारी कोशिकाओं को बचाव के लिए भेजता है। इसके संकेत – सूजन, लालिमा और कभी-कभी दर्द हैं। यह सामान्य और प्राकृतिक है।

जब तक शरीर नियंत्रण में रहता है,तब तक तो ठीक है। परेशानी तब बढ़ती है ,जब सूजन आ जाती है और पूरी तरह से दूर नहीं होती है। इस लंबे समय तक सूजन का मतलब है कि आपका शरीर हमेशा हाई अलर्ट की स्थिति में है, शरीर में बहुत अधिक सूजन से बेचैनी हो सकती है, और इसके अलावा यह हृदय रोग, मधुमेह, अल्जाइमर रोग और कैंसर सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। 

सूजन ( inflammation )का स्तर कुछ हद तक आपके नियंत्रण में है। धूम्रपान, अधिक वजन या मोटापा, और शराब इत्यादि पीने जैसे कारक सूजन के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। आहार inflammation को नियंत्रित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि दवाइयों पर निर्भर रहने से सूजन के स्तर को कम करने के लिए आपके द्वारा लिए जाने वाले खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों से बैलेंस करना एक बेहतर विकल्प (option ) है।

कुछ खाद्य पदार्थों में ऐसे घटक होते हैं जो सूजन को बढ़ावा देते हैं, जबकि कुछ सूजन को कम करते हैं। एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट युक्त इन खाद्य पदार्थों का सेवन सूजन के लक्षणों और परेशानी को कम करने में मदद करता है।

क्या आप यह जानना चाहेंगे की कौन से खाद्य पदार्थ एंटी -इंफ्लेमेटरी आहार हैं और आपको बीमारियों को दूर करने में मदद करते है ? चलिए जानते हैं – 

1. पालक

पालक में फ्लेवोनोइड्स होते हैं, जो COX-2 एंजाइम ( जो सूजन, दर्द और बुखार का कारण बनते हैं ) की गतिविधि को कम करते है। इसके अलावा, इसमें विटामिन ई होता है, जो एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है। गहरे रंग की पत्तेदार सब्जियों में आमतौर पर हल्के रंग के पत्तों वाली सब्जियों की तुलना में अधिक विटामिन ई होता है। पालक को पका कर या सूप बनाकर आहार में शामिल करें।

2. अदरक

अदरक में ऐसे घटक  (components ) होते हैं जो सूजन को कम कर सकते हैं, यह उबकाई (उल्टी ) को कम करने और खराब पेट को ठीक  करने के लिए भी जाना जाता है। इसके बहुमुखी गुणों को प्राप्त करने के लिए  – इसे चाय, सूप में डाल सकते है या सलाद में भी थोड़ा खा सकते हैं। 

3. अलसी

प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया (immune response) में मौजूद स्वाभाविक सूजन के अलावा, ओमेगा -6 और ओमेगा -3 के बीच असंतुलन आंतरिक सूजन बढ़ाने में योगदान देता है। ओमेगा -6 की उच्च मात्रा वाले खाद्य पदार्थ आम तौर पर प्रो-इंफ्लेमेटरी होते हैं, जबकि ओमेगा -3 युक्त खाद्य पदार्थ ज्यादातर एंटी-इंफ्लेमेटरी होते हैं। अलसी में उच्च मात्रा में ओमेगा -3 होता है ,जो सूजन से लड़ने में मदद करता है। 

4. गाजर

विटामिन ए की कमी से शरीर की इंफ्लेमेटरी प्रतिक्रिया (response ) बढ़ सकती है और विटामिन ए का पर्याप्त सेवन बीमारी से रोकथाम और  शक्तिशाली एंटी -इंफ्लेमेटरी एजेंट के रूप में फायदेमंद है। विटामिन ए रतौंधी से बचाता है, और प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्य के लिए आवश्यक है।  गाजर में विटामिन ए की अधिक मात्रा होती है, इसलिए गाजर खाने से दिन भर के लिए  विटामिन ए की मात्रा पूरी हो जाती है। सिर्फ 1/4 कप कटी हुई गाजर खाने से विटामिन ए का अनुशंसित दैनिक मूल्य मिल जाता है।

अच्छे स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त मात्रा में विटामिन ए आवश्यक है, लेकिन ध्यान रखना है की बहुत अधिक मात्रा का सेवन न करें। विटामिन ए फैट सॉल्युबल विटामिन है और अधिक मात्रा में लेने पर लिवर में जमा होता है। लंबे समय तक जमा हुए विटामिन के कारण होने वाले हानिकारक प्रभावों में फटे हुए नाखून, अल्सर, रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन्स , लिवर की असामान्यताएं और तेज़ सिरदर्द शामिल हैं। 

5. तुलसी

तुलसी में यूजेनॉल होता है, वोलेटाइल (वाष्प होने वाला ) तेल जो साइक्लोऑक्सीजिनेज (COX-2)  नामक एक एंजाइम (जो दर्द और सूजन का कारण होता है ) की गतिविधि को रोकने में सक्षम है। इस प्रकार, COX की गतिविधि को रोकने से गठिया या जोड़ों के दर्द वाले लोगों को विशेष रूप से लाभ होता है।

6. दालचीनी

प्राचीन काल से ही दाल चीनी को पारंपरिक दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है, दालचीनी में  एंटी -इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, इसमें पॉलीफेनोल नामक एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो ऑक्सीडेटिव क्षति को रोकने में उपयोगी होते हैं। दालचीनी में अन्य चिकित्सीय गुण भी हैं – इसका उपयोग मधुमेह, अल्जाइमर, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकारों के उपचार के लिए किया जाता है, इसमें एंटी बेक्टेरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं।  

7. हल्दी

हल्दी में करक्यूमिन तत्व होता है। हल्दी दक्षिण पूर्व एशिया और मध्य अमेरिका से उत्पन्न हुई है। हमारे देश में लगभग 4 हज़ार साल पहले से इसका प्रयोग मसाले के रूप में किया जाता आ रहा है। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में इसका काफी महत्व है ,जो विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों के लिए हल्दी के प्रयोग की सलाह देती है। इनमें पुरानी दर्द और सूजन भी शामिल हैं। पश्चिमी चिकित्सा ने भी दर्द निवारक और हीलिंग एजेंट के रूप में हल्दी का अध्ययन करना शुरू कर दिया है। इसमें एंटी -इंफ्लेमेटरी और रोगाणुरोधी चिकित्सीय गुण हैं। 

8. टमाटर

टमाटर को पोषण तत्वों का पावर हॉउस कहा जाता है। टमाटर में विटामिन सी, पोटेशियम और लाइकोपीन होता है, जो एक एंटीऑक्सिडेंट है, जिसमें प्रभावशाली एंटी -इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। लाइकोपीन कई प्रकार के कैंसर से संबंधित प्रो -इंफ्लेमेटरी कंपाउंड को कम करने के लिए फायदेमंद होता है।

9. ब्रोकली

ब्रोकोली एंटीऑक्सिडेंट फ्लेवोनोइड और कैरोटीनॉयड से भरपूर होती है, जो शरीर में कोशिकाओं की सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने के लिए काम करते है। फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाले ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह कोशिकाओं, डीएनए, प्रोटीन और जीन को नुकसान पहुंचाता है। ब्रोकोली के पोषण मूल्य को बनाए रखने के लिए, इसे 4-5 मिनट से अधिक नहीं पकाना चाहिए। 

इंफ्लेमेटरी फ़ूड जिन्हे खाने से बचना चाहिए 

यदि आप हृदय रोग से बचना चाहते हैं, तो आपको शरीर में इंफ्लामेशन को कम करना होगा। ऐसा करने का एक तरीका यह है, कि आप जो खाते हैं उसमे बदलाव करें। यहाँ कुछ इंफ्लेमेटरी खाद्य पदार्थ बता रहें हैं जिनसे आपको बचना होगा – 

चीनी

चीनी से बचना बहुत कठिन है। अनुशंसित ( recommended ) दैनिक मात्रा से अधिक का सेवन हृदय स्वास्थ्य पर कुछ बुरा प्रभाव डाल सकता है। चीनी वाले आहार को मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापा, सूजन, दिल की बीमारी और यहां तक कि स्ट्रोक से भी जोड़ा जाता है। यह लगभग हर चीज में पाई जाती है, इससे बचना मुश्किल है, लेकिन हम कैंडी, सोडा, और कुकीज़ जैसी चीजों को कम करके चीनी के सेवन को सीमित करने की कोशिश कर सकते हैं , ताकि इंफ्लामेशन के स्तर को कम किया जा सके।

आर्टिफिशल ट्रांस -फैट

स्वास्थ्य के लिए सबसे ख़राब खाद्य पदार्थ वे हैं, जिनमें कृत्रिम ट्रांस -फैट होता है। इनमें फ्रेंच फ्राइज, माइक्रोवेव पॉपकॉर्न और फ्रोजन पिज्जा जैसे  खाद्य पदार्थ शामिल हैं। स्वाभाविक ट्रांस-फैट मांस और कुछ डेयरी उत्पादों के फैटी भागों में पाया जाता है, जो ज्यादा चिंता का विषय नहीं है, लेकिन आर्टिफिशल ट्रांस -फैट सूजन  ( inflammation ) और हृदय रोग का जोखिम बढ़ा सकता है। 

प्रोसेस्ड फ़ूड 

प्रोसेस्ड फ़ूड जैसे चिप्स, क्रैकर्स, कुकीज़  में उच्च मात्रा में अस्वास्थ्यकर फैट होता है, जो सूजन  ( inflammation )पैदा कर सकता है।

यदि आप शरीर में तेजी से सूजन  ( inflammation ) को कम करना चाहते हैं, तो आपको अपने आहार में एंटी -इंफ्लैमटोरी खाद्य पदार्थों को शामिल करने की आवश्यकता है, जो उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल जैसे हृदय रोग के जोखिम कारकों को कम करते हैं।

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About the Author: Kusum Kaushal

कुसुम कौशल ने उत्तराखंड में स्थित विश्वविद्यालय (हेमवती नंदन बहुगुणा यूनिवर्सिटी) से इकोनॉमिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। हिंदी उनकी मूल भाषा है।

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