क्या ऑलिव ऑयल में खाना पकाना सुरक्षित है?

पिछले कुछ समय से ऑलिव आयल की लोकप्रियता और मांग दुनिया भर में बढ़ी है। इसका कारण यह माना जाता है कि यह सबसे स्वास्थ्यप्रद तेल में से एक है। जैतून का तेल अपने स्वास्थ्य लाभ के लिए जाना जाता है।ऑलिव आयल स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, वजन कम करने में मदद करता है और दिल के दौरे के जोखिम को भी कम करता है।

इसके गुण इस प्रकार हैं – 

  • ऑलिव आयल हेल्थी मोनोअनसैचुरेटेड फैट में समृद्ध होता है। 
  • इसमें एंटीऑक्सीडेंट की अधिक मात्रा होती है। 
  • इसमें एंटी -इंफ्लेमेटरी गुण होते है। 
  • यह स्ट्रोक को रोकने में मदद करता है। 
  • यह  हृदय रोग से सुरक्षा करता है। 
  • जैतून का तेल वजन और मोटापे को नहीं बढ़ाता है। 
  • जैतून का तेल अल्जाइमर रोग से रक्षा करता है। 
  • जैतून का तेल टाइप 2 मधुमेह के जोखिम को कम करता है। 
  • इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट में कैंसर विरोधी गुण होते हैं। 
  • जैतून के तेल में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। 

ऑलिव आयल भी मेडिटेरियन आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे दुनिया में सबसे स्वास्थ्यकर आहार माना जाता है। बाजार में विभिन्न प्रकार के जैतून के तेल उपलब्ध हैं, जैसे कि एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव आयल , वर्जिन ऑलिव आयल, रिफाइंड ऑलिव आयल और ऑलिव आयल पोमेस, लेकिन सभी खाना पकाने के लिए अच्छे नहीं माने जाते हैं। यहां हम उसकी बात करेंगे जिसका उपयोग खाना पकाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

​किसका प्रयोग नहीं करना चाहिए 

बाजार में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के ऑलिव आयल में से एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव आयल का प्रयोग खाना पकाने के लिए नहीं करना चाहिए। खासतौर पर तब जब हम भारतीय व्यंजन पका रहे हों और जिन्हे तेज आंच पर तलने की आवश्यकता हो।

एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव आयल खाना पकाने के लिए अच्छा क्यों नहीं माना जाता

एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव आयल ऑलिव्स को दबाकर तैयार किया जाता है, और फिर कई बायोएक्टिव पदार्थों के साथ पैक किया जाता है, जैसे पावरफुल एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन ई। यह फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करता है, जो सेल्स और टिस्शुस को नुकसान पहुंचा सकते हैं और विभिन्न प्रकार की बीमारी का कारण बनते हैं। इसमें बड़ी मात्रा में मोनोअनसैचुरेटेड फेट और कुछ पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड भी होते हैं, जिन्हे हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है।

खाना पकाने के लिए  एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव आयल का उपयोग इसलिए ठीक नहीं माना जाता क्यूंकि इसका स्मोक पॉइंट निम्न (low )होता है। एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव आयल का स्मोक पॉइंट 374 -405 ° F (190-207 ° C) है। जब कोई भी तेल अपने स्मोक पॉइंट पर पहुंचता है, तो उसके मॉलीक्यूल्स टूटना शुरू हो जाते है और उसके पोषक तत्व जैसे की एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन ई ख़त्म हो सकते है क्यूंकि यह उच्च तापमान के प्रति संवेदनशील होते हैं। तेज़ आंच इसके स्वाद को भी ख़त्म कर देती है।

अन्य देशों में, एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव आयल का प्रयोग ज्यादातर सलाद ड्रेसिंग के रूप में किया जाता है, न कि तेज़ आंच पर खाना पकाने के लिए। हमारे देश में तलना और तड़का लगाना हर व्यंजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके लिए हमें तेल को ज्यादा तापमान पर गर्म करना होता है , जिससे इसके कई आवश्यक पोषक तत्व ख़त्म हो जायेंगे। इस तेल का उपयोग बेकिंग, सॉटे या धीमी आंच पर पकाने के लिए कर सकते हैं। ज्यादा तापमान पर खाना पकाने के लिए हमें अन्य प्रकार के जैतून के तेल का उपयोग करना चाहिए एक्स्ट्रा वर्जिन का नहीं।  

अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए जैतून के तेल का प्रयोग कैसे करें ?

यह समझना महत्वपूर्ण है कि खाना पकाने के सभी तेलों का एक तापमान होता है, जिस पर वे जलना या नष्ट होना शुरू करते हैं, इस तापमान को स्मोक पॉइंट कहते है। जब तेल को उसके स्मोक पॉइंट पर गर्म किया जाता है, तो उसके लाभकारी पोषक तत्व ख़राब होने लगते हैं और ऐसे कंपाउंड बनने लगते हैं ,जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। चूँकि जैतून के तेल का स्मोक पॉइंट वनस्पति तेलों की तुलना में कम होता है, इसलिए अक्सर इसमें तलने से बचने का सुझाव दिया जाता है।

अच्छी बात यह है कि जैतून के तेल का जब हल्का फुल्का पकाने के लिए उपयोग किया जाता है, तो इसके सभी गुण बरकरार रहते है। जैतून के तेल को एक्सट्रैक्शन प्रक्रिया के अनुसार वर्गीकृत किया जाता है, और आप उनमे से उसे चुन सकते हैं ,जो आपके खाना पकाने के तापमान के लिए उचित हो।   

जैतून के तेल के सभी ग्रेड में अलग-अलग स्वाद और अलग-अलग स्मोक पॉइंट होते हैं। सलाद ड्रेसिंग, टॉपिंग, सैंडविच में और हल्के सॉटे के लिए एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव आयल और वर्जिन ऑलिव आयल का उपयोग करें। खाना पकाने के लिए या उच्च तापमान पर तलने और पकाने के लिए रिफाइंड या शुद्ध जैतून का तेल या ओलिव पोमेस आयल का उपयोग करें।

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About the Author: Kusum Kaushal

कुसुम कौशल ने उत्तराखंड में स्थित विश्वविद्यालय (हेमवती नंदन बहुगुणा यूनिवर्सिटी) से इकोनॉमिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। हिंदी उनकी मूल भाषा है।

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