कोरियन स्किन केयर लोकप्रिय क्यों है ?

कोरियन स्किन केयर

कोरियाई स्किनकेयर जिसे के-ब्यूटी के नाम से भी जाना जाता है, अपने मल्टी-स्टेप रूटीन, उसमें इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री और आकर्षक उत्पादों के लिए दुनिया भर में लोकप्रिय हो गई है। भारत में यह स्किनकेयर जागरूकता के बढ़ने और सोशल मीडिया पर के-ब्यूटी इन्फ्लुएंसर्स द्वारा साझा किए गए परिणामों के कारण लोकप्रियता हासिल कर रही है।

कोरियन स्किनकेयर में इस्तेमाल होने वाली सामग्री 

कोरियाई स्किनकेयर प्राकृतिक सामग्री के लिए जाना जाता है, जैसे कि सनेल म्यूसिन, सेंटेला एशियाटिका और खमीर किया गया चावल का पानी। ये पावरहाउस घटक त्वचा की नमी बरक़रार रखते हैं, सूजन को कम करते हैं।

1.सनेल म्यूसिन – यह एक चिपचिपी लेकिन चमत्कारी सामग्री है, जो अपने हाइड्रेशन और उपचार गुणों के लिए जाना जाता है। यह सूखी, परतदार या क्षतिग्रस्त त्वचा के लिए उत्तम है।

इसमें ग्लाइकोप्रोटीन, हायलूरोनिक एसिड और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं जो नमी बनाये रखते हैं और स्किन को रिपेयर करते हैं।

2.सेंटेला एशियाटिका – सेंटेला या सिका सेंसिटिव त्वचा के लिए एक विश्वसनीय उपाय है। यह त्वचा की लालिमा को कम करता है, सूजन को ठीक करता है और प्रदूषण से त्वचा को होने वाले नुकसान को रिपेयर करने के लिए एकदम सही है।

3.फर्मेन्टेड सामग्री – खमीर किया गया चावल का पानी और इसी तरह की सामग्री कोरियाई त्वचा देखभाल में मुख्य हैं क्योंकि उनमें त्वचा के माइक्रोबायोम को पोषण देने और उसकी रक्षा करने की क्षमता होती है।

फर्मेन्टेड सामग्री अमीनो एसिड और एंटीऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्वों को बढ़ाता है, जिससे वे अधिक असरदार हो जाते हैं और त्वचा के लिए इनको एब्सॉर्ब करना आसान हो जाता है।

क्या कोरियन स्किन केयर भारतीयों के लिए भी कारगर है?

कोरियाई लोगों ने वहां के मौसम और त्वचा के प्रकार के हिसाब से त्वचा की देखभाल का तरीका अपनाया है। अगर भारतीय भी इसको आँख मूंदकर अपनाने की कोशिश करेंगे, तो वे फ़ायदे से ज़्यादा नुकसान कर सकते हैं।

विशेषज्ञ क्या कहते है – कोरियाई नौ-स्टेप्स रूटीन में क्लींजिंग, टोनिंग, कई सीरम की परतें लगाना, मॉइस्चराइज़र लगाना और दिन के दौरान एसपीएफ का उपयोग करना शामिल है। हालाँकि यह शानदार लगता है, लेकिन यह भारतीय मौसम के लिए पूरी तरह से उपयुक्त नहीं हो सकता है।

भारतीय त्वचा और कोरियाई त्वचा में मुख्य अंतर 

आनुवंशिकी – कोरियाई लोगों की त्वचा की बनावट स्वाभाविक रूप से अलग होती है। उनकी त्वचा में मेलेनिन कम बनता है, जिससे यह गोरी होती है, लेकिन यूवी किरणों से नुकसान होने की संभावना भी अधिक होती है। दूसरी ओर, भारतीय त्वचा में मेलेनिन अधिक होता है, जो सूरज की किरणों से कुछ हद तक प्राकृतिक सुरक्षा प्रदान करता है, लेकिन इसके कारण पिगमेंटेशन और काले धब्बों की संभावना ज्यादा होती है।

खान पान – कोरियाई भोजन खमीर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे किमची, समुद्री शैवाल और ताजी सब्जियों से भरपूर होते हैं। ये खाद्य पदार्थ आंत के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और त्वचा के स्वास्थ्य के लिए उत्तम होते हैं। भारतीय भोजन में अक्सर मसालेदार, तैलीय और भारी मात्रा में पके हुए व्यंजन शामिल हैं।

मौसम – कोरिया में सर्दियाँ ठंडी और शुष्क होती हैं और गर्मियाँ हल्की गरम होती हैं, इसलिए उनके स्किनकेयर उत्पाद नमी को बनाए रखने और शुष्कता से बचाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। भारत की जलवायु में काफ़ी अंतर है, यहाँ कुछ शहरों में तो अक्सर नमी और गर्मी होती है, ऐसी परिस्थितियों में स्किनकेयर की मोटी परतों का उपयोग करने से रोम छिद्र बंद हो सकते हैं और त्वचा की समस्याएँ और भी बदतर हो सकती हैं।

भारतीय त्वचा को कैसी देखभाल चाहिए?

विशेषज्ञ कहते हैं, भारतीय त्वचा को अपने वातावरण के हिसाब से अत्यधिक परतों के बजाय सादी और संतुलित देखभाल चाहिए। यहाँ जानते हैं कि आप अपनी त्वचा की प्रभावी रूप से देखभाल कैसे कर सकते हैं।

त्वचा की सफाई – त्वचा को साफ़ करने के लिए सौम्य क्लीन्ज़र चुने जो त्वचा को नुकसान पहुंचाए बिना गंदगी और प्रदूषण को साफ़ करे। 

हाइड्रेशन – अपनी त्वचा के प्रकार और मौसम के अनुसार हल्के, पानी आधारित सीरम या जैल का चुनाव करें।  

सूर्य की किरणों से सुरक्षा – सूर्य की यूवी क्षति से बचाने के लिए एक व्यापक स्पेक्ट्रम (broad-spectrum) सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें।

सही सनस्क्रीन का चयन करें – ऐसा सनस्क्रीन चुनें जो UVA और UVB दोनों से सुरक्षा प्रदान करता हो।

ट्रिपल प्लस चिह्न वाले सनस्क्रीन चुनें क्योंकि ये बेहतर सुरक्षा देते हैं। जिंक ऑक्साइड जैसे तत्वों वाले मिनरल सनस्क्रीन का चयन करें।

सही उत्पाद का चुनाव करें  – ऐसे उत्पाद चुनें जिनमें

  • पिग्मेंटेशन को कम करने के लिए नियासिनमाइड।
  • इंफ्लेमेशन को कम करने के लिए एलोवेरा।
  • त्वचा को चमकदार बनाने और उसकी रिपेयर के लिए विटामिन सी हो। 

हमारी दादी नानी त्वचा देखभाल के प्राकृतिक तरीके अपनातीं थीं। हल्दी, दही या शहद का उपयोग करके घर पर बनाए गए मास्क बेहतरीन परिणाम दे सकते हैं। आप इन्हे भी आज़मा सकते हैं। जानें त्वचा देखभाल के नेचुरल तरीके – 

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सेलुलर टर्नओवर के लिए सही पोषण – त्वचा के सेल्स हर 21 से 26 दिनों में त्वचा के नए सेल्स बनते हैं। सही पोषण ना लेने जैसे जीवनशैली कारक इस चक्र को लंबा कर सकते हैं, जिससे समय के साथ त्वचा बेजान हो जाती है। मैग्नीशियम, विटामिन डी, सी और बी कॉम्प्लेक्स जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करने से यह चक्र ठीक बना रहता है।

पर्याप्त नींद बहुत ज़रूरी है – पूरी नींद लेना त्वचा के स्वास्थ्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक है। 

सही जीवनशैली अपनाएँ – जीवनशैली  त्वचा को उतना ही प्रभावित करती है जितना कि स्किनकेयर उत्पाद। नियमित शारीरिक गतिविधि, माइंडफुलनेस, कृतज्ञता और ब्रीथिंग एक्सेर्साइज़ जैसी आदतें भी आपकी त्वचा के सेल्स को पोषण देती हैं।

क्या कोरियाई स्किनकेयर को पूरी तरह से ना कहना है?

कोरियाई स्किनकेयर बुरा नहीं है – इनके कुछ उत्पाद भारतीय त्वचा के लिए उपयुक्त हो सकते हैं, खासकर अगर वे हल्के हों और उनमें हाइड्रेटिंग गुण हों। इनकी भारी परतों और लंबी दिनचर्या से बचना चाहिए। इसके बजाय, ऐसे उत्पाद चुनें जो भारतीय त्वचा की देखभाल करते हों। जैसे एक माइल्ड कोरियाई क्लींजर या टोनर चुनें लेकिन कई सीरम न लगाएँ। हाइड्रेशन के लिए कभी-कभी शीट मास्क का उपयोग करें लेकिन रोज़ाना उन पर निर्भर न रहें। ऐसे उत्पादों से बचें जो ह्यूमिड वाले मौसम के लिए बाधा उत्पन्न करती हो। 

चमकती त्वचा का मतलब ट्रेंड को अपनाना नहीं है, बल्कि अपनी त्वचा की ज़रूरतों को समझना है। इसलिए, अगर आप 9-चरणीय K-ब्यूटी रूटीन को अपनाने जा रहे हैं, तो पहले अपनी त्वचा की बात सुनें।

सुन्दर त्वचा के लिए घरेलु नुस्खे 

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Anju Mangy

About the Author: Anju Mangy

अंजु मैंगी ने होम साइंस और फाइन आर्ट्स विषयों के साथ स्नातक में डिग्री प्राप्त की। उसके बाद हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है।

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