विटामिन सी की कमी के लक्षण और विटामिन सी के स्रोत्र

विटामिन सी पानी में घुलनशील विटामिन है। यह स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली ( immune system ) का समर्थन करता है। हमारा शरीर विटामिन सी नहीं बना सकता है, यह हमे उन खाद्य पदार्थों से मिलता है, जो हम प्रति दिन खाते हैं।

विटामिन सी अनेकों गुणों वाला पोषक तत्व है। यह पूरे शरीर में विभिन्न प्रणालियों और प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। घावों को भरने से लेकर, तनाव को दूर करने में मदद तक – विटामिन सी शरीर के अलग-अलग कार्यों का एक हिस्सा होता है। इसे प्रतिरक्षा सुपरस्टार के रूप में जाना जाता है।

अनुसंधान बताते है कि विटामिन सी पूरे शरीर में टिस्शूज़ की वृद्धि और मरम्मत के लिए आवश्यक है। विटामिन सी घावों को ठीक करने और स्वस्थ हड्डियों, दांतों, त्वचा और कार्टिलेज ( एक प्रकार का सख्त टिस्शु जो हड्डियों को ढकता है )को बनाए रखने में मदद करता है )। विटामिन सी पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण कार्टिलेज के नुकसान के जोखिम को भी कम करने में सहायक होता है। एंटीऑक्सिडेंट के रूप में, विटामिन सी शरीर में मुक्त कणों ( free radicals ) से लड़ता है, जिससे की कुछ प्रकार के कैंसर और हृदय रोग को रोकने में मदद मिलती है। विटामिन सी की उचित खुराक सर्दी ज़ुकाम के लक्षणों को कम कर सकती है। 

 विटामिन सी प्रत्सक्ष रूप से प्रतिरक्षा प्रणाली का समर्थन करता है

विटामिन सी का वैज्ञानिक नाम एस्कॉर्बिक एसिड है – यह  शरीर में बड़ी संख्या में प्रतिरक्षा तंत्र का समर्थन करता है। श्वेत रक्त कोशिकाएं (WBC ) प्रतिरक्षा प्रणाली की एक महत्वपूर्ण अंग हैं। हमारे शरीर में कई अलग-अलग प्रकार की श्वेत रक्त कोशिकाएं ( WBC ) हैं, प्रत्येक एक अलग तरीके से बीमारी पैदा करने वाले वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करती है। विटामिन सी श्वेत रक्त कोशिकाओं (WBC ) को बनाने और उनके कार्य दोनों को प्रोत्साहित करने में मदद करता है। यह एंटीबॉडी बनाने में भी शरीर की मदद करता है। विटामिन सी के शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट गुण कुछ सफेद रक्त कोशिकाओं को विषाक्त यौगिकों से बचाने में भी मदद करते हैं, जो उनके द्वारा बैक्टीरिया या वायरस के खिलाफ लड़ने में पैदा होते हैं। दूसरे शब्दों में, स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया के लिए विटामिन सी एक आवश्यक पोषक तत्व है।

श्वेत रक्त कोशिकाओं के अतिरिक्त प्रतिरक्षा सम्बन्धी अन्य लाभ

प्रतिरक्षा प्रणाली कोशिकाओं का एक अकेला समूह नहीं है, जो किसी और के बिना अकेले ही काम करता है। बल्कि, यह अंगों, कोशिकाओं और प्रक्रियाओं से जुड़ा एक जटिल नेटवर्क है। प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्य को शरीर के कई अन्य कार्य भी प्रभावित करते है, विटामिन सी इनमें से कई कार्यों में मुख्य भूमिका निभाता है। जैसे की, त्वचा और श्लेष्मा झिल्ली हमारे शरीर की पहली सुरक्षा रेखा है। त्वचा पर लगा एक कट संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया के लिए रास्ता बन सकता है।  विटामिन सी कोलेजन ( त्वचा में एक महत्वपूर्ण प्रोटीन, जो घाव भरने के लिए चाहिए ) बनाने में शरीर की मदद करता है। इसी तरह,  एड्रेनल ग्लैंड्स तनाव की प्रतिक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जब भी तनाव उत्पन्न होता है, वे हर बार विटामिन सी की एक महत्वपूर्ण मात्रा का उपयोग करते हैं। यह सभी चीज़ें आपस में जुडी हुईं हैं, तनाव कई अन्य परेशानियों का कारण बन सकता है।

 

विटामिन सी की कमी के लक्षण (symptoms of vitamin C deficiency)

1. रूखी सूखी त्वचा

विटामिन सी त्वचा के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। एंटीऑक्सिडेंट में उच्च विटामिन सी त्वचा के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। विटामिन सी की कमी होने पर त्वचा रूखी – सूखी हो जाती है। त्वचा पर कई जगह झुर्रियाँ भी दिखाई देने लगती हैं।

2. सूखे दोमुहें बाल

 स्वस्थ और चमकदार बाल, इस बात का संकेत है, कि आप संतुलित आहार ले रहे हैं। जब आपके बाल दोमुहें और सूखे हों, तो आपको विटामिन सी की कमी हो सकती है। बाल का स्वास्थ्य कोलेजन पर निर्भर करता है, जब आप सी की कमी होती है, तो कोलेजन कम बनता है, जिससे बाल कमजोर और रूखे होते हैं और झड़ने लगते हैं।

3. घावों का जल्दी ना भरना 

विटामिन सी की कमी से कोलेजन बनने की दर धीमी हो सकती है, जिससे घाव जल्दी नहीं भरते हैं। विटामिन सी की गंभीर कमी से संक्रमण भी तेज़ी से बढ़ता है। 

4. खराब दंत स्वास्थ्य

त्वचा के साथ – साथ दांतों को भी विटामिन सी की कमी के कारण नुकसान होने की संभावना है। विटामिन सी के निम्न स्तर के कारण खराब कोलेजन गठन से मसूड़ों से खून आता है। मसूड़ों में सूजन भी विटामिन सी की कमी की एक सामान्य स्थिति है। गंभीर कमी होने से दांत भी खराब हो सकते हैं।

5. आयरन की कमी 

विटामिन सी शरीर को हमारे द्वारा खाये जाने वाले आहार में से आयरन को एब्सॉर्ब करने में मदद करता है। विटामिन सी की कमी होने से आयरन की कमी के कारण एनीमिया भी हो सकता है। सिर्फ आयरन का सेवन ही काफी नहीं है, इसके अवशोषण के लिए पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी की भी आवश्यकता होती है। 

6. कमजोर इम्युनिटी 

विटामिन सी एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है, जो इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करता है। विटामिन सी की कमी के कारण इम्युनिटी कमजोर हो जाती है। आप बार-बार बीमार पड़ने लगते हैं, क्योंकि इम्युनिटी कमजोर होने के कारण संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। कई बार यह गंभीर बीमारियों के खतरे को भी बढ़ा सकता है।

7. मोटापा आना 

विटामिन सी की कमी से भी वजन बढ़ सकता है। विटामिन सी की कमी से विशेष रूप से पेट के आसपास चर्बी जमा हो जाती है। यदि आपका वज़न बिना किसी कारण के बढ़ने लगता है, तो आपके अस्पष्टीकृत वजन बढ़ने के पीछे विटामिन सी की कमी हो सकती है।

 8. थकान बने रहना 

विटामिन सी की कमी से व्यक्ति हर समय थका हुआ महसूस करता है। इम्युनिटी का कम होना और एनीमिया भी इस स्थिति को बढ़ा देते हैं।  किसी भी काम को करने का मन नहीं करता,आपको ऊर्जा की कमी महसूस होती है। विटामिन सी की कमी से चिड़चिड़ापन भी महसूस होता है।

 

विटामिन सी के मुख्य स्रोत्र 

विटामिन सी के बहुत सारे स्रोत हैं। कई फल और सब्जियां इस महत्वपूर्ण विटामिन की आपूर्ति करते हैं। विटामिन सी के स्रोत में खट्टे फल शामिल हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि गर्म होने या लंबे समय तक संग्रहीत होने पर फल और सब्जियां विटामिन सी खो देते हैं। सबसे अधिक पोषक तत्व प्राप्त करने के लिए खरीदने के बाद जितनी जल्दी हो सके उन्हें खाएं और पोषक तत्वों के नुकसान को सीमित करने के लिए इन्हे कम समय तक पकाएं ।

  1. आंवला – आंवला विटामिन सी का सबसे अच्छा स्रोत है। 100 ग्राम आंवलों से लगभग 700 मिलीग्राम विटामिन सी मिलता है। 
  2. नींबूनींबू विटामिन सी, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट का पावरहाउस है। नींबू एनीमिया, हृदय रोग और कैंसर के खतरे को कम कर सकता है।
  3. अमरुद –  इस में 126mg विटामिन C होता है, जो रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है।
  4. संतरा – संतरा विटामिन सी का एक महत्वपूर्ण स्रोत्र है। इसमें एंटी इंफ्लमेट्री और कैंसर विरोधी गुण होते हैं। 
  5. टमाटर – यह हृदय स्वास्थ्य, त्वचा के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है और कैंसर को रोकने में मदद करता है।
  6. अंगूर – यह आवश्यक पोषक तत्व से भरपूर शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है।
  7. पपीता – पपीता दिल के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है और पेट के कैंसर से बचाने में मदद करता है। यह स्मृति में भी सुधार करता है और मस्तिष्क में शक्तिशाली एंटी इंफ्लमेट्री प्रभाव डालता है।
  8. स्ट्रॉबेरी – इसमें विटामिन सी, मैंगनीज, फोलेट और  एंटीऑक्सिडेंट का एक शक्तिशाली मिश्रण होता है। स्ट्रॉबेरी मधुमेह, कैंसर, हृदय रोग आदि को रोकने में मदद करती है।
  9. कीवी – विटामिन सी से भरपूर कीवी तनाव को कम करने और प्रतिरक्षा में सुधार करने में मदद करती है। यह संतरे की तुलना में लगभग दोगुनी मात्रा में विटामिन सी प्रदान करती है।
  10. ब्रोकली – यह तनाव को कम कर सकती है, इम्युनिटी बढ़ाती है, कैंसर और हृदय रोग के जोखिम को कम करती है।
  11. फूलगोभी – इसमें उच्च मात्रा में विटामिन सी होता है, जो एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है। यह एक एंटी इंफ्लेमटरी के रूप में भी कार्य करती है और प्रतिरक्षा को बढ़ाती है।
  12. शिमला  मिर्च – इसमें विटामिन सी की उच्च मात्रा पाई जाती है, खासकर लाल शिमला मिर्च में।

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About the Author: Kusum Kaushal

कुसुम कौशल ने उत्तराखंड में स्थित विश्वविद्यालय (हेमवती नंदन बहुगुणा यूनिवर्सिटी) से इकोनॉमिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। हिंदी उनकी मूल भाषा है।

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